बदायूं में खतरनाक हो रहा डेंगू, ले रहा जान, बिगड़ रहे हालात, जानिए डेंगू और मलेरिया की स्थिति

बदायूं में अब डेंगू खतरनाक साबित होता जा रहा है। डेंगू की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो गई। जबकि अब तक सबसे ज्यादा 38 मरीज भी मंगलवार को ही मिले हैं। वहीं उझानी क्षेत्र में दो महिलाओं की मौत भी हो गई।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 03:17 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 03:17 PM (IST)
बदायूं में खतरनाक हो रहा डेंगू, ले रहा जान, बिगड़ रहे हालात, जानिए डेंगू और मलेरिया की स्थिति
बदायूं में खतरनाक हो रहा डेंगू, ले रहा जान, बिगड़ रहे हालात, जानिए डेंगू और मलेरिया की स्थिति

बरेली, जेएनएन। बदायूं में अब डेंगू खतरनाक साबित होता जा रहा है। डेंगू की चपेट में आकर दो महिलाओं की मौत हो गई। जबकि अब तक सबसे ज्यादा 38 मरीज भी मंगलवार को ही मिले हैं। वहीं उझानी क्षेत्र में दो महिलाओं की मौत भी हो गई। मंगलवार को इतनी बड़ी संख्या में मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए। आनन फानन शाम को जिलाधिकारी दीपा रंजन ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ अन्य विभागों की भी बैठक बुलाई। जिसमें डेंगू की रोकथाम को लेकर रणनीति बनाई गई। बता दें कि अब तक जिले के 101 गांव डेंगू से प्रभावित हैं, जबकि डेंगू मरीजों की संख्या 132 हो गई है।

मंगलवार को जिले में जो डेंगू मरीज मिले, उनसे सबसे अधिक संख्या उझानी ब्लाक के गांवों की है। उझानी में मंगलवार को कुल 24 मरीज मिले हैं। इनमें बसोमा गांव में दस, बरामालदेव गांव में पांच, तैयतपुर में एक और उझानी कस्बे के अलग अलग मुहल्लों में कुल आठ मरीज डेंगू के पाए गए हैं। इसके अलावा दातागंज क्षेत्र के गांव डहरपुर में दो, कारदचौक के गांव इस्माइलपुर में दो, गणेश नगला में दो मरीज मिले हैं। इसके अलावा शहर में कासगंज का एक, रामपुर का एक, बरेली का एक, बदायूं शहर के नाहर सराय खां का एक मरीज मिला है। इन मरीजों की जानकारी मिलने के बाद इन सभी संपर्क कर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने स्वास्थ्य की जानकारी ली। अब इन क्षेत्रों में बुधवार को टीमें जाकर कैंप करेंगी। जिला मलेरिया अधिकारी डा. योगेश कुमार सारस्वत ने बताया कि टीमों काे लगा दिया गया है, बुधवार को सभी जगह दवा का छिड़काव आदि कराया जाएगा।

85 प्रधानों ने बताया 101 गांवों में डेंगू का प्रकाेप

जिले की कुल 1037 ग्राम पंचायतों में से अब तक 101 गांवों में डेंगू फैल चुका है। स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की टीमों ने गांवों में सर्वे कराया तो 85 गांवों के प्रधानों ने जानकारी दी कि उनके गांवों में डेंगू फैला है। इन सभी की लिस्ट तैयार कर डीएम को भेजी गई। वहीं मंगलवार को और गांवों के नमा इस सूची में शामिल किए गए। अब इन सभी गांवों को जिला पंचायती राज विभाग वरीयता सूची में रखकर यहां साफ सफाई, डीडीटी दवा का छिड़काव, एंटी लार्वा और लार्वीसायडल दवा का छिड़काव कराएगा। इसके अलावा डीपीआरओ श्रेया मिश्रा खुद इन गांवों में निरीक्षण कर वहां की स्थिति देखेंगी।

हर गांव में चार दिन तक चलेंगे शिविर : डीएम

जिले में डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या और मंगलवार को 38 मरीज मिलने के बाद डीएम दीपा रंजन ने बैठक बुलाई। इसमें उन्होंने निर्देश दिए कि जो 101 गांव चिन्हित किए गए हैं, इन गांवों में चार दिन तक लगातार स्वास्थ्य शिविर लगाए जाएं। गांव के एक एक व्ययक्ति की जांच की जाए। संदिग्ध मरीजों को जिला अस्पताल या मेडिकल कालेज में भर्ती कराया जाए। गांव में मच्छरदानी का उपयोग कराया जाना सुनिश्चित करें।

कोविड कमांड सेंटर अब डेंगू पर भी रखेगा नजर

कोविड के लिए बनाए गए इंटीग्रेटेड कोविड कंट्रोल कमांड सेंटर मलेरिया के बाद अब डेंगू पर भी नजर रखेगा। इसके लिए चिन्हित गांवों के प्रधानों व मरीजों से बात कर वहां के हालात की प्रतिदिन की जानकारी लेगा। कोविड कमांड सेंटर के कर्मचारियों को मरीजों और गांवों की लाइन लिस्ट तैयार कर उपलब्ध करा दी गई है। गांव में कैंप लगा या नहीं, चिकित्सक पहुंचे या नहीं दवा मिली या नहीं आदि जानकारी एकत्र करेंगे। इसके बाद प्रतिदिन की रिपोर्ट जिलाधिकारी को दिखाई जाएगी।

हर गांव का नोडल होगा एक अधिकारी

डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अब चिन्हित किए गए 101 गांवों में अलग अलग नोडल अधिकारी बनाए जाएंगे। डीपीआर श्रेया मिश्रा को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। सभी गांव का अलग अलग नोडल होगा, जो गांव में कैंप, मरीजों की संख्या, मृतकों की जानकारी आदि को अपडेट रखेगा। गांव में दवा का छिड़काव कराने से लेकर मरीजों को दवा वितरित किए जाने तक की जानकारी रखने की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी की होगी।

बसोमा में पांच हुई मरने वालों की संख्या

ससूं, उझानी: ब्लाक क्षेत्र के गांव बसोमा में वायरल, टाइफाइड और डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मेडिकल कालेज के अलावा सहसवान और उझानी के प्राइवेट अस्पतालों में भी यहां के लोग भर्ती है। सोमवार रात बसोमा निवासी रामवती पत्नी श्रीपाल और रामकली पत्नी वीरपाल की मौत हो गई। वह दोनों कई दिनों से बुखार की चपेट में चल रही थीं। निजी अस्पताल में उनका उपचार चल रहा था। अब बसोमा में बुखार व डेंगू से मरने वालों की संख्या पांच हो गई है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ निरंजन गंगावार ने बताया कि गांव में कैप लगवाकर व जांच करवाई जा रही है। वहीं ग्रामीणों को स्वास्थ्य विभाग के प्रति आक्रोश व्याप्त है उन्होने जिलाधिकारी से मरीजों की जांच करवा कर प्रति दिन दवा का वितरण करवायें जाने की मांग की है।

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