कोविड के डर में फंसी डेंगू और मलेरिया की जांच

कोरोना संक्रमण का प्रकोप जिले में कम हो गया हो लेकिन अभी दूसरी लहर ने जैसा कहर बरपाया था उसकी यादें अभी तक बरेली वालों के जेहन में ताजा हैं। इसका असर सीधे डेंगू और मलेरिया के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई के अभियान पर पड़ रहा है। फिलहाल डेंगू और मलेरिया के केस जिले में बढ़ रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण का डर अब भी कुछ ऐसा है कि लोग डेंगू और मलेरिया के मच्छरों की पनाहगाह भी खोजने नहीं दे रहे हैं। जिले भर में डेंगू व मलेरिया के मच्छरों का लार्वा खत्म करने के लिए उतरी डोमेस्टिक ब्रीडिग चेकर्स (डीबीसी) ने काम में आ रहीं कुछ ऐसी ही परेशानी जिला मलेरिया अधिकारी से साझा की हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 07:23 PM (IST)
कोविड के डर में फंसी डेंगू और मलेरिया की जांच
कोविड के डर में फंसी डेंगू और मलेरिया की जांच

जागरण संवाददाता, बरेली: कोरोना संक्रमण का प्रकोप जिले में कम हो गया हो लेकिन अभी दूसरी लहर ने जैसा कहर बरपाया था, उसकी यादें अभी तक बरेली वालों के जेहन में ताजा हैं। इसका असर सीधे डेंगू और मलेरिया के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई के अभियान पर पड़ रहा है। फिलहाल डेंगू और मलेरिया के केस जिले में बढ़ रहे हैं। लेकिन कोरोना संक्रमण का डर अब भी कुछ ऐसा है कि लोग डेंगू और मलेरिया के मच्छरों की पनाहगाह भी खोजने नहीं दे रहे हैं। जिले भर में डेंगू व मलेरिया के मच्छरों का लार्वा खत्म करने के लिए उतरी डोमेस्टिक ब्रीडिग चेकर्स (डीबीसी) ने काम में आ रहीं कुछ ऐसी ही परेशानी जिला मलेरिया अधिकारी से साझा की हैं।

केस 1

बीते दिनों खलीलपुर निवासी एक मरीज में डेंगू की पुष्टि हुई थी। इस पर डीबीसी की टीम मरीज के घर के 50 घरों में जांच के लिए गई तो कई घरों में तो लोग टीम को प्रवेश तक नहीं करने दे रहे थे। वहीं एक परिवार ने तो अपराधी समझकर टीम के सदस्यों को पुलिस को सूचित कर जेल भिजवाने की धमकी तक दे डाली।

केस 2

करीब 15 दिन पहले बिथरी चैनुपर के कलारी गांव में एक महिला जांच में डेंगू की पुष्टि हुई थी इस पर अधिकारियों के आदेश पर टीम जब गांव में लोगों की जांच करने पहुंची। यहां कई परिवारों ने कोविड के डर से जांच तक नहीं कराई। लेकिन बाद में स्वास्थ्य महकमे के अफसरों के समझाने पर लोग घरों की जांच कराने के लिए राजी हुए।

डीबीसी कर चुकी है मौखिक शिकायत

दरअसल, स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में डोमेस्टिक ब्रीडिग चेकर्स तैनात किए गए हैं। इनका काम संदिग्ध इलाकों में डेंगू और मलेरिया के मच्छरों के पनपने के स्त्रोत खत्म करना है। लेकिन अपराधी मानकर, अकेले होने का हवाला देकर तो कोई कोरोना संक्रमण के डर से स्वास्थ्य विभाग की टीम को घर में जाकर डेंगू और मलेरिया के पनपने की जगह नहीं देखने दे रहे हैं। कई ब्लाक से इस बाबत डीबीसी स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से मौखिक शिकायत भी कर चुके हैं।

लूटपाट नहीं, हम मलेरिया की जांच करने आए हैं

हैरत की बात तो यह है कि जिन इलाकों में डेंगू और मलेरिया के केस मिले हैं, उन इलाकों में जब डीबीसी की टीमें जांच करने के लिए डोर टू डोर सर्वे करने जा रही हैं। बावजूद इसके लोग दरवाजे तक नहीं खोल रहे हैं बल्कि कई लोग तो टीम के सदस्यों को अपराधी समझकर उनसे बात नहीं कर रहे हैं। कई बार तो आइकार्ड दिखाने के बावजूद भी लोग पुलिस को सूचना देने की चेतावनी दे रहे हैं।

डेंगू और मलेरिया के आंकड़े

- 40 मरीजों में अब तक हो चुकी है डेंगू की पुष्टि

- 02 डेंगू ग्रसित मरीजों की हो चुकी है मौत

- 2,058 मरीजों में मलेरिया की पुष्टि

- 1,58,141 मरीजों की जिले भर में हो चुकी है मलेरिया की जांच

वर्जन

मलेरिया, डेंगू से बचाव अभियान में डोमेस्टिक ब्रीडिग चेकर्स की भूमिका अहम है। कई ब्लाकों में लोग कोविड की जांच के डर से टीमों को घरों में प्रवेश नहीं दे रहे हैं। वहीं अपराधी भी समझ रहे हैं। इसलिए ही टीमों को आइडी कार्ड दिए गए हैं। लोगों से अपील है कि जांच में सहयोग करें।

डा. देशराज सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी

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