दरगाह आला हजरत प्रकरण : दो मुकदमों के बाद दरगाह पर खामोशी का माहौल
आपसी टकराव में दो मुकदमे दर्ज हो जाने के बाद दरगाह आला हजरत खानदान में खामोशी का माहौल है। माना जा रहा है कि ऐसा सुलह की कोशिशों के चलते हुआ है।
बरेली, जेएनएन : आपसी टकराव में दो मुकदमे दर्ज हो जाने के बाद दरगाह आला हजरत खानदान में खामोशी का माहौल है। माना जा रहा है कि ऐसा सुलह की कोशिशों के चलते हुआ है। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां उर्फ सुब्हानी मियां मॉरीशस का दौरा पूरा करके लौट आए हैं। रात में खानदान के प्रमुख लोग उनके साथ बैठेंगे। तब विवाद का हल निकलने की संभावना जताई जा रही है। इस घटनाक्रम पर पुलिस की नजरें भी लगी हुई हैं।
सुलह की कोशिशों को सामने रखते हुए ही खानदान के बड़ों ने बयानबाजी पर रोक लगवाई है। सज्जादानशीन मुफ्ती मुहम्मद अहसन रजा खां कादरी और उनके चाचा अंजुम मियां से खामोश रहने के लिए कहा गया है। इंतजार दरगाह प्रमुख के मॉरीशस से लौटने का का था, जो पूरा हो गया। रविवार को सुबह सुब्हानी मियां वापस आ गए। दिनभर वह आराम में रहे। बताया जा रहा है कि रात में वह खानदान के अहम लोगों से इस मसले पर बात कर सकते हैं। तब पूरा मामला उनके सामने रखा जाएगा। एक तरफ उनके बेटे अहसन मियां तो दूसरी तरफ छोटे भाई अंजुम मियां हैं।
बातचीत से कोई रास्ता निकलता है तो विवाद निपट जाएगा, वरना लंबा ¨खचेगा। उधर, कोतवाल पंकज वर्मा ने बताया कि दोनों पक्षों में समझौते की जानकारी हमारे पास नहीं है। पुलिस दोनों तरफ से दर्ज मुकदमे में अपना काम कर रही है। विवेचक दरगाह जाकर साक्ष्य इकट्ठा कर रहे हैं।
यहां से शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि दरगाह स्थित रजा मस्जिद में खत्म कलाम पाक की महफिल में विवाद के बाद सज्जादानशीन ने अपने चचेरे भाई एवं निदा खान के शौहर रहे शीरान रजा खां, उनके पिता अंजुम मियां इत्यादि पर मारपीट, घर में घुसकर तोड़फोड़ और धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। बाद में जब अहसन मियां के चाहने वाले दरगाह पहुंचे तो अगले दिन अंजुम मियां की तरफ से भी पुलिस ने सज्जादानशीन समेत ढाई सौ लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया था।
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