फर्जी ट्रस्ट बनने पर दरगाह आला हजरत ने किया आगाह, बोले- मुरीदों को गुमराह करने वालों को न दे चंदा
मरकजे अहले सुन्नत के अनुयायियों से चंदा मांगने के लिए दरगाह आला हजरत के नाम से फर्जी ट्रस्ट बनाकर किया जा रहा है। इसका खुलासा दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने किया है। उन्होंने कहा कि मुरीदों को गुमराह कर उनसे चंदा वसूला जा रहा है।
बरेली, जेएनएन। मरकजे अहले सुन्नत के अनुयायियों से चंदा मांगने के लिए दरगाह आला हजरत के नाम से फर्जी ट्रस्ट बनाकर किया जा रहा है। इसका खुलासा दरगाह आला हजरत के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने किया है। उजागर करते हुए बताया कि कुछ लोगों ने दरगाह आला हजरत, उर्स रजवी आदि को लेकर सोशल मीडिया पर बयानबाजी कर डाली। मुरीदों को गुमराह कर उनसे चंदा तक वसूला जा रहा है। यह गलत है। मुफ्ती अहसन मियां ने अपील जारी की है।
दरगाह आला हजरत के नाम से अनाधिकृत लोगों की बयानबाजी से अकीदतमंद होशियार रहें। आला हजरत, रजवी, रजा, नूरी, खानकाहे रजविया के नाम से फर्जी ट्रस्ट बनाकर लोग मरकजे अहले सुन्नत के अनुयाइयों से चंदा मंगाते हैं। जबकि खानकाहे रजविया, दरगाह आला हजरत, रजा मस्जिद और जामिया रजविया मंजरे इस्लाम यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ से रजिस्टर्ड है।सज्जादानशीन ने कहा कि हर साल उर्स-ए-रजवी का लाइव ऑडियो प्रसारण ऑनलाइन किया जाता है। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां का भी यही फैसला है।
कोविड-19 के मानकों का पालन करते हुए आला हजरत उर्स 12 से 14 अक्टूबर तक मनाया जाना है। तय हुआ है कि कदीमी उर्स स्थल इस्लामियां ग्राउंड में ही आयोजन होना है। जल्द ही, इस्लामियां ग्राउंड में स्टेज, पंडाल की तैयारियां नजर आने लगेंगी। जबकि फर्जी ट्रस्ट की तरफ से बयानबाजी की गई कि इस दफा उर्स ऑनलाइन ही होगा। इससे मुरीद गुमराह हुए। सज्जादानशीन ने कहा कि अकीदतमंद पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। कोविड के कारण अगर वह उर्स-ए-रजवी में शरीक नहीं हो पाते हैं तो दरगाह, खानकाह, मस्जिद और मदरसा में महफिलें सजा सकते हैं। लेकिन कोविड के नियमाें का पालन जरूरी होगा।