बरेली के घनी आबादी वाले क्षेत्रों में है जान का खतरा, बेखौफ चल रहीं पटाखों की दुकानें पर अफसरों को नहीं दिखतीं
Firecracker Shops in Bareilly शहर में पटाखों की दुकानें चलाने के लिए अब तक कई व्यापारियों के लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुए हैं। बावजूद इसके शहर में आबादी के बीच धड़ल्ले से पटाखों की दुकानें चल रही हैं। इससे हादसे का खतरा बना हुआ है।
बरेली, जेएनएन। Firecracker Shops in Bareilly : शहर में पटाखों की दुकानें चलाने के लिए अब तक कई व्यापारियों के लाइसेंस नवीनीकरण नहीं हुए हैं। बावजूद इसके शहर में आबादी के बीच धड़ल्ले से पटाखों की दुकानें चल रही हैं। इससे हादसे का खतरा बना हुआ है। पटाखों की दुकानें चलाने के लिए प्रशासन की ओर से दो साल के लिए लाइसेंस दिया जाता है। हर दो साल में लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होता है। जिले में करीब 52 थोक व्यापारियों को पटाखों के लाइसेंस आवंटित हैं।
बीते दिनों करीब 20 व्यापारियों ने लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए कलक्ट्रेट के शस्त्र अनुभाग में आवेदन किया। इसके बाद सीएफओ और पुलिस ने उनकी जांच की। कुछ दिन पहले सीएफओ ने अपनी रिपोर्ट में दुकानें आबादी के बीच होना बताकर नवीनीकरण नहीं कराए जाने की संस्तुति की। वही, मजिस्ट्रेट ने भी जांच में पटाखों की दुकानें आबादी के बीच होना बताया। इस आधार पर सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय ने सभी व्यापारियों को नोटिस भेजकर पक्ष मांगा। शनिवार को 20 व्यापारियों ने अपना पक्ष रखा। फिलहाल मामले में कोई फैसला नहीं हो पाया है और सौ फुटा रोड व मिनी बाइपास रोड पर धड़ल्ले से पटाखों की दुकानें चल रही हैं। इससे हादसे की आशंका बनी हुई है।
क्या कहते हैं अधिकारीः सिटी मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय का कहना है कि सभी व्यापारियों ने लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए अपना पक्ष रखा है। उस पर उच्चाधिकारियों से वार्ता के बाद निर्णय लिया जाएगा। पटाखा एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमरीश कुमार अग्रवाल ने बताया कि व्यापारियों ने मई में ही नवीनीकरण के लिए फीस जमा कर दी है। किसी भी हादसे को रोकने के लिए दुकानों पर सभी इंतजाम हैं। पटाखा व्यवसायी सतीश भसीन ने बताया कि अब मात्र 15 दिन का ही कारोबार रह गया है। व्यापारियों की हालत पहले से ही खराब है। अगर अधिकारी कहेंगे तो दुकानें बंद कर दी जाएंगी।