Dainik Jagran Sanskarshala : प्रमाण के आधार पर ही किसी बात पर विश्वास करना है वैज्ञानिक मनोवृत्ति

Dainik Jagran Sanskarshala विद्या भवन पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य योहान कुंवर ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण एक ऐसी मनोवृत्ति है जिसका मूल आधार किसी भी घटना की पृष्ठभूमि में उपस्थित कार्य-कारण को जानने की प्रवृत्ति है।वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारे भीतर अन्वेषण की प्रवृत्ति विकसित करती है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:40 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 05:40 PM (IST)
Dainik Jagran Sanskarshala : प्रमाण के आधार पर ही किसी बात पर विश्वास करना है वैज्ञानिक मनोवृत्ति
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तात्पर्य है कि हम तार्किक रूप से सोचें।

बरेली, जेएनएन। Dainik Jagran Sanskarshala : विद्या भवन पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य योहान कुंवर ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण एक ऐसी मनोवृत्ति है, जिसका मूल आधार किसी भी घटना की पृष्ठभूमि में उपस्थित कार्य-कारण को जानने की प्रवृत्ति है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारे भीतर अन्वेषण की प्रवृत्ति विकसित करती है और विवेकपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करती है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण की शर्त है बिना किसी प्रमाण के किसी भी बात पर विश्वास न करना या उपस्थित प्रमाण के अनुसार ही किसी बात पर विश्वास करना। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तात्पर्य है कि हम तार्किक रूप से सोचें।

जनसामान्य में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करना हमारे संविधान के अनुच्छेद 51, ए के अंतर्गत मौलिक कर्तव्यों में से एक है। इसलिए प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य है कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए प्रयास करें। हमारे संविधान निर्माताओं ने यही सोचकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मौलिक कर्तव्यों की सूची में शामिल किया होगा कि भविष्य में वैज्ञानिक सूचना एवं ज्ञान में वृद्धि से वैज्ञानिक दृष्टिकोण युक्त चेतना संपन्न समाज का निर्माण होगा लेकिन, वर्तमान सत्य इससे परे है। जब अपने कार्यक्षेत्र में विज्ञान की आराधना करने वाले वैज्ञानिकों का प्रत्यक्ष सामाजिक व्यवहार ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विपरीत हो तो बाकी बुद्धिजीवियों और आम शिक्षित-अशिक्षित लोगों के बारे में क्या अपेक्षा कर सकते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण का संबंध तर्कशीलता से है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार वही बात ग्रहण के योग्य है जो प्रयोग और परिणाम से सिद्ध की जा सके, जिसमें कार्य कारण संबंध स्थापित किये जा सकें। चर्चा, तर्क और विश्लेषण वैज्ञानिक दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण अंग है। नई शिक्षा नीति में भी बाल्यकाल से ही छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने पर बल दिया गया है। यह उनके क्रमिक मानसिक विकास के लिए जरूरी है। शिक्षकों को इस दिशा में प्रशिक्षण प्रदान करना सबसे चुनौतीपूर्ण कार्य है, क्योंकि नई शिक्षा नीति को कार्यान्वित करने की जिम्मेदारी उन्हीं शिक्षकों के जिम्मे है। गौरतलब है कि निष्पक्षता, मानवता, लोकतंत्र, समानता और स्वतंत्रता आदि के निर्माण में भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण कारगर सिद्ध होता है। 

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