स्मार्ट फोन पर आने वाले विज्ञापनों से बचकर, ऐसे कर देंगे बडा नुकसान

स्मार्ट फोन पर आने वाले लुभावने विज्ञापन आपके अकाउंट पर डाका डाल रहे हैं। एक बार स्मार्ट फोन एक्सेस करने के बाद आपका बैैंक अकाउंट खाली करने के साथ ही निजी जानकारी उड़ा सकते हैैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 11:53 AM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 11:53 AM (IST)
स्मार्ट फोन पर आने वाले विज्ञापनों से बचकर, ऐसे कर देंगे बडा नुकसान
स्मार्ट फोन पर आने वाले विज्ञापनों से बचकर, ऐसे कर देंगे बडा नुकसान

जेएनएन, बरेली: स्मार्ट फोन पर आने वाले लुभावने विज्ञापन आपके अकाउंट पर डाका डाल रहे हैं। इसके लिए साइबर क्रिमिनल असुरक्षित मोबाइल एप के जरिए मोबाइल पर पहले अपनी पैठ बनाते हैैं और फिर लालच देकर आपसे अंजाने में कुछ ऐसा डाटा लेते हैं, जिससे स्मार्ट फोन पर होने वाली हर गतिविधि पर उनकी नजर रहे। एक बार स्मार्ट फोन एक्सेस करने के बाद आपका बैैंक अकाउंट खाली करने के साथ ही निजी जानकारी उड़ा सकते हैैं। साइबर सुरक्षा एवं सूचना प्रौद्योगिकी परीक्षा सेल ने हाल में साइबर अपराध के तेजी से बढ़ते इस चल पर पत्र जारी करके चेताया है।

बिना देखे अलाऊ से मिलती एक्सेस की छूट

स्मार्ट फोन पर कोई एप डाउनलोड करते समय ज्यादातार लोग बिना 'टम्र्स एंड कंडीशनÓ पढ़े ही 'अलाऊÓ बटन दबाते जाते हैं। इससे मोबाइल एप बनाने वाली कंपनी को आपकी तमाम एक्टिविटी पर नजर रखने की छूट मिल जाती है। शातिर साइबर क्रिमिनल भी इसी के जरिए आप पर नजर रखनी शुरू कर देते हैं। 

कुकीज की मदद से रखी जाती नजर

विशेषज्ञ बताते हैं कि इंटरनेट की दुनिया यानी साइबर वल्र्ड में जब भी कुछ सर्च करते हैं तो उस वेबसाइट की कुछ कुकीज आपके स्मार्ट फोन में बेहद मामूली जगह के अंदर स्टोर हो जाती हैं। ये कुछ केबी जगह ही लेती हैं। इसीलिए जब आप पहले से सर्च चीज दोबारा देखने के लिए कुछ लेटर दबाते हैं तो वो सर्च इंजन में सबसे ऊपर आता है। 

 सर्च हिस्ट्री पर देख फेंकते हैं जाल

चूंकि, कुकीज की मदद से सर्च इंजन पर नजर रहती है। ऐसे में साइबर क्रिमिनल आपकी सर्च हिस्ट्री के हिसाब से लुभावना एड भेजते हैं। फर्ज करें अगर आप ज्यादा ऑफर चेक करते हैं तो इसी तरह का एड बनाकर वो आपको भेजेंगे। इसे इंस्टॉल करने की प्रक्रिया के दौरान ही वो आपके मोबाइल फोन के एनी डेस्क तरह के आइपी एड्रेस को हासिल कर स्मार्ट फोन पर नजर रखते हैं। 

ट्रांजेक्शन देख करते खाता साफ

इसके बाद स्मार्ट फोन उपभोक्ता इंटरनेट बैंकिंग या यूपीआइ जैसे किसी भी वॉलेट के जरिए मनी ट्रांजेक्शन करते हैं। अकाउंट का पासवर्ड डालते ही साइबर क्रिमिनल भी इसे हासिल कर लेते हैं। इसके बाद मौका पाते ही अकाउंट से रकम साफ हो जाती है।

 साइबर क्रिमिनल्स से इस तरह बचें

- महज वो वेबसाइट खोलें जो सुरक्षित हो। वेबसाइट लोड होते ही इसमें एचटीटीपी के बाद एस भी रहता है। यह अन्य वेबसाइट से ज्यादा सिक्योर मानी जाती हैं। 

- किसी मोबाइल एप को अच्छे स्टोर से ही डाउनलोड करें।

- सोर्स भी चेक करें। अच्छे मोबाइल फोन में एप सिक्योर नहीं होने पर वार्निंग आती है। इसे नजरअंदाज न करें।

- अगर इस तरह के एप डाउनलोड कर चुके तो फौरन स्मार्ट फोन फॉर्मेट कर दें।

- पहले जरूरी कॉन्टेक्ट नंबर और गैलरी की जरूरी चीज कहीं सेव कर रखें।  

- लुभावने विज्ञापन, मुफ्त के ईनाम या ऑफर, पोर्न साइट या एप स्क्रीन पर आने पर इसे डाउनलोड न करें। 

क्‍या कहते हैं विशेषज्ञ

 जिला सूचना विज्ञान अधिकारी, एनआइसी कमल शर्मा का कहना है कि साइबर वलर्ड में आपकी हर एक्टिविटी किसी पोस्टकार्ड की तरह होती है। इस पर कोई भी नजर रख सकता है। साइबर क्रिमिनल कुकीज की मदद से सर्च हिस्ट्री पर नजर रखते हैं। अंजान सोर्स से बचकर स्मार्ट फोन का उपयोग करें।  

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