Cyber Crime : खातों से रुपया निकलवा रहा आनलाइन टोल फ्री नंबर, जालसाज कर रहे फर्जी नंबर का इस्तेमाल

Cyber Crime मदद पाने के लिए इंटरनेट से कंपनियों के टोल-फ्री नंबर लेकर बिना जांचे परखे संपर्क करना आपको भारी भी पड़ सकता है। जालसाजों के अपलोड किए फर्जी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क हुआ तो समझो आपका खाता साफ।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 04:48 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 04:48 PM (IST)
Cyber Crime : खातों से रुपया निकलवा रहा आनलाइन टोल फ्री नंबर, जालसाज कर रहे फर्जी नंबर का इस्तेमाल
Cyber Crime : खातों से रुपया निकलवा रहा आनलाइन टोल फ्री नंबर

बरेली, जेएनएन। Cyber Crime : मदद पाने के लिए इंटरनेट से कंपनियों के टोल-फ्री नंबर लेकर बिना जांचे परखे संपर्क करना आपको भारी भी पड़ सकता है। जालसाजों के अपलोड किए फर्जी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क हुआ तो समझो आपका खाता साफ। बीते 15 दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिन्होंने आनलाइन टोल-फ्री नंबर लिया और काल करते ही उनके खाते से हजारों की रकम साफ हो गई। दरअसल, इंटरनेट मीडिया पर ठगों के नंबरों की टोल-फ्री नंबरों के नाम पर भरमार है। साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि ठगों ने कंपनियों की आफिशियल वेबसाइट की तरह महज शब्दों में हेरफेर कर टोल-फ्री के नाम पर अपने नंबर दर्ज कर रखे हैं। मदद के लिए जब कोई व्यक्ति इंटरनेट मीडिया से टाेल-फ्री नंबर लेता है तो ध्यान नहीं देता। सीधे नंबर सर्च कर जो भी नंबर आता है उस पर काल कर देता है। ठग इसी के फायदा उठाते हैं। मदद के नाम पर फोन करने वाले व्यक्ति का खाता साफ कर देता है। ऐसे में कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट से ही नंबर लें। नंबर लेते वक्त बेहद ही सावधानी बरतें। सामने आए दो मामलों पर नजर :

केस :1 

पासबुक जारी कराने के लिए डायल किया टाेल-फ्री नंबर, उड़ गए रुपये 9999

नार्दन रेलवे कालोनी की रहने वाली आकृति सिन्हा नोएडा में आपरेशन एक्जीक्यूटिव हैं। उनकी बहन रेलवे में रिजर्वेशन आफिसर हैं। आकृति को चेक बुक की जरूरत थी। इसके लिए उन्होंने सिटी बैंक का आनलाइन टोल-फ्री नंबर सर्च किया। आनलाइन लिये गए टोल-फ्री नंबर पर काल करने पर साइबर ठग ने चेक बुक जारी करने की बात कह एक लिंक भेजा। लिंक पर क्लिक कर डिटेल भरने की बात कही।

आकृति ठग की बातों में आकर बताई प्रक्रिया का पालन करती रहीं। जैसे ही सारी डिटेल भरने के बाद उन्होंने मोबाइल पर आए ओटीपी को दर्ज किया। उनके खाते से साइबर ठग ने नौ हजार 999 रुपये उड़ा दिये। ठग से आकृति ने सवाल किया तो उसने दोबारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करने की बात कह रकम वापसी की बात कही। गनीमत रही कि आकृति ने दोबारा लिंक पर क्लिक नहीं किया। उनके खाते में पचास हजार रुपये थे। मामले में कोतवाली पुलिस ने आकृति की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ आइटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की है।

केस : 2 :

45 सौ का लाभ दिखा हड़प लिये ढाई लाख

सिविल लाइंस के रहने वाले अंकित अग्रवाल अतिरिक्त आय का जरिया ढूंढ रहे थे। आनलाइन प्लेटफार्म के जरिए ट्रेडिंग एप का काम सूझा। आनलाइन ही मिले नंबर पर उन्होंने फोन किया। बात करने वाले ठग ने खुद का नाम आदित्य ठाकुर बताया। ठग ने अंकित का ट्रेडिंग एप का खाता खुलवाया। लाभ का भरोसा दिलाने के लिए ठग ने पांच हजार रुपये का फायदा होने की बात कही और उसमे से अंकित के चार हजार पांच सौ रुपये होने की जानकारी दी। लाभ का लालच दिखाकर ठग ने बड़ी रकम लगाकर ज्यादा लाभ का झांसा दिया। इसी झांसे में अंकित फंस गए और ठग के कहे के मुताबिक, उसके खाते में ढाई लाख रुपये की राशि भेज दी। इसके बाद 25 हजार रुपये की और मांग की। ठगी का शिकार होने पर अंकित ने कोतवाली में आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

टाेल-फ्री नंबर से नहीं आती काल बैक, यदि आए तो समझो साइबर ठग

साइबर एक्सपर्ट अनिल कुमार के मुताबिक, टोल-फ्री नंबर पर काल से कभी भी बैक काल नहीं आती। यदि बैक काल आए तो समझो वह साइबर ठग है। इसके साथ ही टाेल-फ्री नंबर कभी मोबाइल नंबर नहीं होता है। कभी अनजान नंबर से फोन आए और केवाईसी कराने की बात कहे तो बिल्कुल भी उसके झांसे में न आए। झांसे में आते ही आप ठगी का शिकार हो जाएंगे। फाइनेंशियल साइबर ठगी का शिकार होने की स्थिति में टोल-फ्री नंबर 155260 पर तत्काल फोन कर खाता फ्रीज कराएं।

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