क्राइम कंट्राेल : बंद कमरे में लूट पीडितों काे इस तरह से मैनेज करने में फंसी पुलिस, पढिए पूरी रिपोर्ट Bareilly News

क्राइम कंट्रोल को अपराधियों की धरपकड़ के बजाय मुकदमा लिखने से कतराने वाली पुलिस ने अफसरों के आदेश के बावजूद 36 घंटे तक मामला मैनेज करने की कोशिश की।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Tue, 19 Nov 2019 10:41 AM (IST) Updated:Tue, 19 Nov 2019 10:41 AM (IST)
क्राइम कंट्राेल : बंद कमरे में लूट पीडितों काे इस तरह से मैनेज करने में फंसी पुलिस, पढिए पूरी रिपोर्ट Bareilly News
क्राइम कंट्राेल : बंद कमरे में लूट पीडितों काे इस तरह से मैनेज करने में फंसी पुलिस, पढिए पूरी रिपोर्ट Bareilly News

जेएनएन, बरेली : क्राइम कंट्रोल को अपराधियों की धरपकड़ के बजाय मुकदमा लिखने से कतराने वाली पुलिस ने अफसरों के आदेश के बावजूद 36 घंटे तक मामला मैनेज करने की कोशिश की। लूट के पीड़ितों को साधने को 25 हजार रुपये अपने पास से दे दिए। मामला सुर्खियां बना तब जाकर रिपोर्ट तो दर्ज कर ली मगर सवाल बाकी है कि एसएसआइ ने लुटेरे पकड़ने के बजाय पीड़ितों को अपने पास से रुपये देने में दिलचस्पी क्यों दिखाई। एसएसपी ने पूरे प्रकरण की जांच के आदेश किए हैं।

हाइवे पर साधु वेश धारी बदमाशों ने की थी लूट 

शनिवार को धान बेचकर आ रहे फतेहगंज पूर्वी के सिमरा हरिचरण निवासी आशू, पातीराम व सर्वेश से फरीदपुर में हाईवे पर 51 हजार की लूट हुई। घटनास्थल पर पहले सीओ फरीदपुर नागेंद्र यादव बाद में एसपी क्राइम रमेश भारतीय और एसपी देहात पहुंचे थे। उन्होंने किसानों को साथ ले जाकर मंडी में जानकारी ली तब पता चला कि तीनों ने धान बेचे। उन्हें रुपये मिले थे। इस पर अफसरों ने फरीदपुर थाना पुलिस को लूट का मुकदमा दर्ज करने को कहा। थाना पुलिस जांच की बात कहकर टालती रही।

पीडितों को क्यों दिए रुपये, नहीं दे पा रहे जवाब 

रविवार को तीनों पीड़ितों ने कहा था कि शनिवार शाम को एसएसआइ रवि किरन ने सभी को बंद कमरे में बैठाकर बात की। पहले तो लूट मानने से ही इन्कार किया था। बाद में कहा कि 25 हजार रुपये रख लो, तहरीर लूट के बजाय मारपीट की दो। मुकदमा दर्ज कर लुटेरे पकड़ने के बजाय एसएसआइ ने रुपये क्यों दिए, इसका जवाब देने से अफसर बच रहे। आशू का कहना था कि एसएसआइ के दिए नोटों में दो हजार का एक नोट वो भी था जोकि लुटेरे ले गए थे।

पीड़ितों की तलाश में रात को घर पहुंची थी पुलिस

रविवार को पीड़ितों ने पुलिस पर आरोप लगाए तो पुलिसकर्मी उनकी तलाश में निकले। रात को घर पहुंचे मगर भनक लगते ही वे तीनों खिसक लिए। इस डर से कि थाने की बातें सार्वजनिक तौर पर कह दीं इसलिए पुलिस उन्हें फंसा सकती है। दूसरे दिन बुलाने पर भी नहीं पहुंचे। सीओ से बात होने के बाद वे थाने आए।

शुरू हुई जांच: किसानों की रिपोर्ट दर्ज न कर उन्हें आधे रुपये देकर मारपीट की घटना बताने का प्रलोभन देने की जांच शुरू हो गई है। एसएसपी की ओर से जांच फरीदपुर सीओ को सौंपी गई है। उनसे पांच दिनों के भीतर जांच आख्या देने का कहा गया है।

घटना के बाद करीब तीन बार इंस्पेक्टर से मुकदमा दर्ज करने को कहा था। वह हर बार कहते रहे दर्ज कर रहे हैं लेकिन शाम तक ऐसा नहीं किया। बाद में रविवार शाम को बात बढ़ने के बाद मुकदमा दर्ज कर किया गया है। इंस्पेक्टर से बात करेंगे कि मुकदमा दर्ज करने में देरी क्यों हुई।

- नागेंद्र यादव, सीओ फरीदपुर

घटना के समय थाना दिवस में थे। सूचना पर तत्काल वहां पहुंच कर जांच की थी। मंडी में व्यापारियों से भी बात की। थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज करने को कहा था। जो बातें सामने आ रहीं हैं उनकी जांच होगी। फिलहाल मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

- डा. संसार सिंह, एसपी देहात

लूट के मामले में जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। थाना पुलिस पर जो आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच सीओ फरीदपुर को सौंपी गई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

- शैलेश पांडेय, एसएसपी

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