Justice : कक्षा छह की छात्रा से छेडछाड के मामले में न्यायालय ने 110 दिनों में सुनाई सजा Bareilly News
पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में स्पेशल जज ने तीन माह 20 दिन में फैसला सुनाया है।
जेएनएन, बरेली: पॉक्सो एक्ट से जुड़े एक मामले में स्पेशल जज ने तीन माह 20 दिन में फैसला सुनाया है। कक्षा छह की छात्र के साथ दिनदहाड़े घर में घुसकर छेड़छाड़ करने के आरोपित को चार साल कैद की सजा सुनाई है। 31 हजार रुपये का हर्जाना भी डाला है।
किला क्षेत्र के रहने वाले सरताज के खिलाफ किला थाने में 21 जून 2018 को मुकदमा दर्ज हुआ था। 13 वर्षीय पीड़िता वारदात के दौरान कक्षा 6 में पढ़ती थी। रोजाना सुबह स्कूल जाती तो सरताज उसके साथ छेड़छाड़ करता था। यह सिलसिला सात माह से चल रहा था। पीड़िता यह बात अपने मां, बाप को बताती तो हर बार वे आरोपित के घर जाकर शिकायत करते लेकिन उसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया।
20 जून 2018 को पीड़िता घर पर अकेली थी। मां चौका-बर्तन करने मुहल्ले में ही गई थीं। इसी दौरान सरताज उसके घर में घुस आया और अश्लील हरकतें करने लगा। शोर मचाने पर छात्र का भाई पहुंच गया। उसने आरोपित को ललकारा तो वह भागा। घटना की जानकारी पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद आरोपित को जेल भेजा था। हाईकोर्ट ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। साथ में सेशन कोर्ट को आदेश दिया कि इस मामले को छह माह में निस्तारित करें।
स्पेशल कोर्ट में 16 अगस्त 2019 को सुनवाई शुरू हुई। इस मामले में किला पुलिस ने डेढ़ माह के अंदर आरोपित के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। मामले की मॉनिटरिंग डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने की। एडीजीसी रीतराम राजपूत ने कोर्ट में छह गवाह पेश कराए। स्पेशल जज सुनील कुमार यादव ने आरोपित सरताज को चार साल के कठोर कारावास की सजा के साथ 31 हजार जुर्माने से भी दंडित किया है जुर्माने की रकम में से 25 हजार पीड़िता को दिए जाएंगे।
मानवाधिकार आयोग की टीम करेगी जांच
दुष्कर्म मामले में प्रभावी कार्रवाई न करने की जांच मानवाधिकार आयोग की टीम करेगी। टीम 11 दिसंबर को शहर पहुंचेगी, जो तीन दिन रुककर मामले की तह तक जाएगी। पीड़िता ने अपनी शिकायत में लिखा कि चार सितंबर 2018 को जब वह शौच के लिए गई थी तो चार युवकों ने रोक लिया था। कपड़े फाड़ डाले और जबरन उठाकर मुङो बेचने के इरादे से ले जाने लगे। शोर मचाया तो कुछ लोगों ने आकर मुङो बचाया। उक्त चार व दो अन्य युवक पहले भी उससे दुष्कर्म कर चुके।
महिला का आरोप है कि पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया मगर बताए छह आरोपितों के बजाय चार अन्य को नामजद कर दिया। पीड़िता ने यह भी लिखा कि पड़ोस में रहने वाली महिला वेश्यावृत्ति कराती है। उस पर भी कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत मनवाधिकार आयोग को भेजी तो वहां से डीएम के पास पत्र आया कि 11 दिसंबर को टीम आएगी, मामले से जुड़े गवाह व दस्तावेज तैयार रखे जाएं। पुलिस के उन अधिकारियों को भी मौके पर रहने के लिए कहा गया है जो इस मामले की जांच कर रहे थे।