बरेली में संक्रमिताें की जान बचाने में जुटे पार्षद, जांच कैंप के साथ करवा रहे सैनिटाइजेशन
कोरोना की दूसरी लहर में शहर के अधिकतर पार्षदों ने लोगों की मदद को कमान थाम ली है। उनका मकसद लोगों की जान बचाना बन गया है। इसी के चलते लोगों के लिए जांच कैंप लगवाने से लेकर संक्रमितों के घरों में खाना पहुंचाने का काम भी कर रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में शहर के अधिकतर पार्षदों ने लोगों की मदद को कमान थाम ली है। उनका मकसद लोगों की जान बचाना बन गया है। इसी के चलते लोगों के लिए जांच कैंप लगवाने से लेकर संक्रमितों के घरों में खाना पहुंचाने का काम भी पार्षद कर रहे हैं। अपने वार्ड में सैनिटाइजेशन भी करवा रहे हैं।
इंद्रा नगर के पार्षद सतीश चंद्र उर्फ मम्मा और जनकपुरी के पार्षद आरेंद्र अरोरा कुक्की शुरुआत से ही अपने क्षेत्र में लोगों के लिए कोरोना जांच कैंप लगवा रहे हैं। कभी जनकपुरी, फिर एमबी इंटर कॉलेज और अब शील अस्पताल के पास कैंप लग रहे हैं। कैंप में संक्रमित पाए जाने वाले लोगों की इलाज और भर्ती कराने में मदद भी कर रहे हैं। वही, वार्ड 41 के पार्षद मुकेश मेहरोत्रा ने कोरोना को मात देने के बाद फिर अपने क्षेत्र में सैनिटाइजेशन कराने में जुट गए।
वार्ड के सभी प्रमुख स्थानों में दवा का छिड़काव करवा रहे हैं। सैदपुर हाकिंस से पार्षद दीपक सक्सेना रोजाना स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोरोना संक्रमितों की सूची से अपने वार्ड के लोगों की जानकारी जुटाते हैं। फिर संक्रमित लोगों की मदद के लिए उनसे संपर्क करते हैं। अस्पताल में भर्ती कराने, दवा की उपलब्धता भी उन्होंने कई लोगों को कराई है। वार्ड 77 के पार्षद अतुल कपूर अरुणा फाउंडेशन संस्था के जरिए कोरोना संक्रमित के घरों पर भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं।
मात्र 30 रुपये में संक्रमितों को खाना भेज रहे हैं। वही, शास्त्री नगर के पार्षद गौरव सक्सेना अपने यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पताल भर्ती करवाने, आक्सीजन की व्यवस्था करने में जुटे हैं। अस्पताल वालों की मनमानी के खिलाफ अधिकारियों से शिकायत भी की है।