Coronavirus Second Round News : कोविड का एक सा इलाज लेकिन सबके रेट मनमाने, जानिए बरेली के अस्पतालाें का हाल

Coronavirus Second Round News पिछले साल मार्च के अंत में कोरोना संक्रमण का पहला केस जिले में सामने आया। इसके बाद संक्रमण ज्यों बढ़ा वैसे-वैसे जिले में कोविड अस्पतालों की तादाद भी बढ़ती गई। लेकिन दूसरी लहर में इलाज में काफी इजाफा हुआ है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 04:15 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 04:15 PM (IST)
Coronavirus Second Round News : कोविड का एक सा इलाज लेकिन सबके रेट मनमाने, जानिए बरेली के अस्पतालाें का हाल
Coronavirus Second Round News : कोविड का एक सा इलाज लेकिन सबके रेट मनमाने, जानिए बरेली के अस्पतालाें का हाल

बरेली, जेएनएन। Coronavirus Second Round News : पिछले साल मार्च के अंत में कोरोना संक्रमण का पहला केस जिले में सामने आया। इसके बाद संक्रमण ज्यों बढ़ा, वैसे-वैसे जिले में कोविड अस्पतालों की तादाद भी बढ़ती गई। दूसरी लहर आने से पहले जिले में 300 बेड कोविड अस्पताल के अलावा तीन मेडिकल कालेज में संक्रमितों का निश्शुल्क इलाज चल रहा था। वहीं, दो निजी अस्पतालों में सशुल्क यानी पेड संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा था।

लेकिन दूसरी लहर कुछ ऐसी आई कि कोरोना संक्रमितों की तादाद में कई गुना इजाफा हो गया। इसी के साथ जिले में कोविड अस्पताल भी बढ़ते चले गए। आज जिले में कुल 17 संक्रमित कोविड अस्पताल हैं। इनमें से 13 निजी अस्पतालों में सशुल्क यानी पेड मरीजों का इलाज होता है। वैसे तो शासन ने पेड अस्पतालों के लिए भी रेट फिक्स किए हैं, लेकिन इनकी कीमत महज कागजों पर ही फिक्स है। हकीकत में जिसका जितना मन है, चार्ज वसूल रहा है।

नीति आयोग ने तय किए थे निजी अस्पतालों के रेट 

नीति आयोग के सदस्य डॉ.विनोद पॉल की अध्यक्षता में एक समिति का गठन हुआ था। इस समिति की संस्तुति के बाद निजी चिकित्सालयों में कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए दर तय हुईं। इस बाबत पहले पिछले साल 10 जुलाई और फिर 10 सितंबर को शासनादेश जारी हुए थे।

आक्सीजन बेड के 10 हजार और वेंटीलेटर के 18 हजार

शासनादेश में मॉडरेट कैटेगरी यानी आइसोलेशन बेड, सपोर्टिंग केयर और आक्सीजन सपोर्ट के एवज में 10 हजार रुपये शुल्क तय किया गया। वहीं, आइसीयू में 15 हजार रुपये और वेंटीलेटर के लिए 18 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से तय की गई।इसमें अलग-अलग दर के हिसाब से पीपीई किट का शुल्क व कंसल्टेंसी फीस, मॉनीटरिंग, विजिट की फीस भी शामिल है। इसके अतिरिक्त फीस लेने पर एपेडिमिक डिसीज एक्ट 1897 व उप्र महामारी कोविड-19 विनियमावली 2020 के अंतर्गत दंडनीय घोषित किया गया।

हकीकत : जाते ही पचास हजार, अब आक्सीजन बाहर से फिर भी शुल्क

दैनिक जागरण ने जिले के पांच निजी कोविड अस्पतालों में लिए जाने वाला शुल्क पता किया तो मालूम हुआ कि मरीज भर्ती करते ही 50 हजार रुपये एडवांस में जमा करा लिया जाता है। इसके बाद मरीज तीन दिन भी भर्ती रहा तो अधिकांश जगह एक लाख रुपये तक का बिल बना है। तीमारदार नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि पीपीई किट, आक्सीजन सिलिंडर बाहर से लाने के बावजूद इसका पूरा शुल्क वसूला जाता है।

बैड की कैटेगरी के हिसाब से शुल्क में ये सुविधाएं शामिल

आइसोलेशन बेड : कम गंभीर रोगियों के लिए आक्सीजन व अन्य आवश्यक सहयोगी उपचार इसमें शामिल होगा। \B

आइसीयू बेड (बिना वेंटीलेटर ) : हाइपरटेंशन व अनियंत्रित डायबिटीज से पीड़ित व को-मार्बिडिटीज रोगी सामिल हैं।

आइसीयू बेड (वेंटीलेटर सहित ) : इस श्रेणी में इनवैसिव मैकेनिकल वेंटीलेशन तथा नॉन इनवैसिव मैकेनिकल वेंटीलेशन जैसे एचएफएनसी, बी-आइ पैप (बाय-लेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) की जरूरत वाले रोगियों का उपचार होता है।

कोविड मरीजों के इलाज के लिए श्रेणीवार सही शुल्क लिया जा रहा, इसकी निगरानी के लिए महकमे के अधिकारी भी नोडल बनाए हैं। अभी तक अतिरिक्त शुल्क वसूले जाने की कोई शिकायत नहीं मिली है। - डॉ.एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली 

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