Corona Winner : 37 लेवल पर भी नहीं हारी हिम्मत जीत ही ली कोरोना से जंग

Corona Winner आक्सीजन लेवन 37 रह गया। इसके बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी। क्योंकि मेरे सामने मेरे बच्चे और मेरी पत्नी का चेहरा घूम रहा था। वैसे तो जो ईश्वर की मर्जी होती है वो ही होता है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 05:10 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 05:10 PM (IST)
Corona Winner : 37 लेवल पर भी नहीं हारी हिम्मत जीत ही ली कोरोना से जंग
Corona Winner : 37 लेवल पर भी नहीं हारी हिम्मत जीत ही ली कोरोना से जंग

बरेली, जेएनएन। Corona Winner : आक्सीजन लेवन 37 रह गया। इसके बावजूद भी हिम्मत नहीं हारी। क्योंकि मेरे सामने मेरे बच्चे और मेरी पत्नी का चेहरा घूम रहा था। वैसे तो जो ईश्वर की मर्जी होती है वो ही होता है। लेकिन इस दौरान मैंने जाना कि आपका आत्म विश्वास आपको जीत दिलाता है। मेरे साथ भी यही हुआ। यह कहना था पवन विहार निवासी प्रवीन सक्सेना का।

15 तारीख को मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। इसके बाद मैं थोड़ा घबराया। चूंकि मेरे भाई और मैं सब एक साथ रहते हैं। हमारी जॉइंट फैमिली है। मुझे लगा कि कहीं मेरी वजह से कोई और तो नहीं । बस यही तनाव था। मैं दस दिन घर में रहा। इस दौरान डॉक्टर की सलाह पर दवाइयां और उपचार चलता रहा। इसके बाद परेशानी बढ़ी तो मुझे रुहेलखंड में एडमिट कर दिया। लेकिन वहां के हालात देखकर मैं निराश हुआ। लगा कि अब कुछ नहीं हो सकता। आक्सीजन लेवल इतना कम। न पानी की व्यवस्था, न कोई नर्स न कोई वार्ड बॉय।

परिजनों को हालातें की जानकारी हुई। इसके बाद डॉक्टर्स से बातचीत की गई। घर का खाना, फल और गर्म पानी मुझे लगातार मिलता रहा। लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी। चार दिन पहले ही मैं डिस्चार्ज हुआ हूं। मैं डॉक्टर्स से अपील करता हूँ। कि सरकारी अस्पतालों में कोविड मरीजों को यदि समय से खाना मिलें। तो भी सर्वाबाइव कर पाएंगे। कई लोग ऐसे होते हैं कि बहुत सीधे उनको कुछ जानकारी नहीं होती। तो सिस्टम को सुधारा जाए। जिससे हर मरीज को उसके हिस्से का इलाज मिल पाए। 

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