Corona Warrior : बरेली में अपनी जान पर खेलकर शवों को मुक्ति दिला रहे श्मशान कर्मचारी, कर रहे कपाल क्रिया

महामारी के इस दौर में चिकित्सक नर्स एंबुलेंस चालक के साथ ही श्मशान में कर्मचारी भी किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं। ये अपनी जान पर खेलकर सामान्य शवों के साथ ही कोविड शवों की चिताएं तैयार कर उन्हें मुक्ति दिलाने का हर प्रयास कर रहे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 05:40 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 05:40 PM (IST)
Corona Warrior : बरेली में अपनी जान पर खेलकर शवों को मुक्ति दिला रहे श्मशान कर्मचारी, कर रहे कपाल क्रिया
Corona Warrior : बरेली में अपनी जान पर खेलकर शवों को मुक्ति दिला रहे श्मशान कर्मचारी

बरेली, जेएनएन। महामारी के इस दौर में चिकित्सक, नर्स, एंबुलेंस चालक के साथ ही श्मशान में कर्मचारी भी किसी कोरोना योद्धा से कम नहीं हैं। ये अपनी जान पर खेलकर सामान्य शवों के साथ ही कोविड शवों की चिताएं तैयार कर उन्हें मुक्ति दिलाने का हर प्रयास कर रहे हैं।

हर जन की जुबां पर यही सवाल है कि कोरोना संक्रमित शवों अंतिम संस्कार करने से जब खुद स्वजन बचते हैं तो आखिर फिर इन शवों का संस्कार भला कौन करता है। कोविड शव जिसके पास जाने से अपने भी घबराते हैं, उसके लिए चिता और कपाल क्रिया तक संस्कार आखिर कौन है, जो करता है। तो बता दें कि कोविड के अमूमन शवों का अंतिम संस्कार श्मशान में वह कर्मचारी कर रहे हैं जो आमदिनों में आपके शहर को स्वच्छ रखने का काम करते हैं।

कंधा देने से लेकर करते हैं कपाल क्रिया

संजयनगर श्मशान भूमि में कर्मचारी रोशन कहते हैं कि वह सुबह नौ बजे पूरी तैयारी के साथ श्मशान भूमि पहुंच जाते हैं। बताते हैं कि जो स्वजन कोविड शव को कंधा देने में कतराते हैं उनका सहारा वह बनते हैं। यही नहीं वह शव के लिए चिता तैयार भी तैयार करते हैं। स्वजनों के न होने पर कपाल क्रिया भी वह खुद ही करते हैं।

भगवान ने शायद मुक्ति दिलाने ही भेजा है

संजयनगर श्मशान भूमि में कर्मचारी छोटे बताते हैं कि वह मार्च माह तक शहर को स्वच्छ रखने में अपनी भूमिका निभा रहे थे। लेकिन जब श्मशान में शवों की संख्या बढ़नी शुरू हुई। नौबत ये आ गई अपने ही अंतिम संस्कार तो दूर कंधा देने से बचने लगे, तब यहां आकर सेवा करने का मन बनाया।

बताया कि वह कोविड शव की चिता अकेले ही तैयार करते हैं। वहीं अज्ञात कोविड शव आने पर उसका अंतिम संस्कार भी करते हैं। कहते हैं कि ऐसा लगता है कि भगवान ने लोगों को मुक्ति दिलाने की सेवा मुझे सौंपी है। 

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