Corona virus की चपेट में अाया कच्चा माल, बढें दो दर्जन दवाओं के दाम Bareilly News
दवाएं खरीदने के लिए अब पहले से अधिक रुपये खर्च करने होंगे। ड्रग प्राइज कंट्रोल आर्डस (डीपीसीओ) एक्ट की ढील के बाद दवा कंपनियों ने करीब दो दर्जन दवाओं के दाम बढ़ा दिए हैैं।
बरेली, जेएनएन : दवाएं खरीदने के लिए अब पहले से अधिक रुपये खर्च करने होंगे। ड्रग प्राइज कंट्रोल आर्डस (डीपीसीओ) एक्ट की ढील के बाद दवा कंपनियों ने करीब दो दर्जन दवाओं के दाम बढ़ा दिए हैैं। इसकी वजह कच्चे माल की आवक बंद होना बताया जा रहा है। जिसकी वजह से दवाआें के दामों में इजाफा हो रहा है।
चीन में संक्रमण का पड़ा असर
देश में टेबलेट, कैप्सूल और सीरप जैसे फार्मा फाम्र्युलेशंस बनाने के लिए एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआइ) कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होता है। यहां करीब 75 फीसद दवाएं बनाने के लिए एपीआइ चीन से ही आता है। वहां कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण कच्चे माल की सप्लाई बंद हो चुकी है। इस कारण कुछ विक्रेताओं ने जमाखोरी कर ली, जिससे दवा की कमी होने पर दाम और बढ़ गए। जेनरिक दवाएं भी करीब 10 से 50 फीसद तक महंगी हो गई हैैं।
इन दवाओं के दाम बढ़े
दवा - काम - दाम (पुराने) - दाम (नए)
टेबलेट एविल - एंटी एलर्जी - 50 पैसा - 75 पैसा
एविल एम्पुल - एंटी एलर्जी - 3.34 - 5.02
एविल वायल - एंटी एलर्जी - 12.38 - 18.70
बैटनोवेट सी - दाद-खाज - 44.10 - 48.50
टेबलेट डैपसोन - कुष्ठ रोग - 30 पैसे - 45 पैसे
टेबलेट मैट्रोजिल - पेट साफ - 80 पैसे - 1.20 रुपये
ग्रेसोफुलविन (एंटी फंगल) - 2.40 रुपये - 3.60 रुपये
कैप्सूल क्लोपाजिमिन - कुष्ठ रोग - 1.40 रुपये - 2.10 रुपये
डीपीसीओ एक्ट के तहत शामिल करीब दो दर्जन दवाओं के दाम बढ़ चुके हैैं। नया माल बढ़े हुए दामों से आया है।
मनोज खटवानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, रिटेल कैमिस्ट एसोसिएशन