बरेली तक आ गया कोरोना, पीलीभीत में हाे रही फर्जी सैंपलिंग, जानिए कैसे सामने आई सच्चाई

Covid-19 Fake Sampling in Pilibhit प्रदेश में कोरोना संक्रमण की गति बढ़ती दिख रही है। शनिवार को दो माह बाद प्रदेश में एक साथ 27 कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए जिसमें से दो केस बरेली में मिले हैं। इसके अलावा नोएडा लखनऊ कानपुर में भी संक्रमित पाए गए हैं

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 02:57 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 02:57 PM (IST)
बरेली तक आ गया कोरोना, पीलीभीत में हाे रही फर्जी सैंपलिंग, जानिए कैसे सामने आई सच्चाई
बरेली तक आ गया कोरोना, पीलीभीत में हाे रही फर्जी सैंपलिंग, जानिए कैसे सामने आई सच्चाई

पीलीभीत, जेएनएन। Covid-19 Fake Sampling in Pilibhit : प्रदेश में कोरोना संक्रमण की गति बढ़ती दिख रही है। शनिवार को दो माह बाद प्रदेश में एक साथ 27 कोरोना पॉजिटिव केस पाए गए जिसमें से दो केस बरेली में मिले हैं। इसके अलावा नोएडा, मथुरा, लखनऊ, कानपुर में भी संक्रमित पाए गए हैं जहां से यात्रा कर जनपद में भी प्रतिदिन लोग पहुंचते हैं। रविवार को जनपद में आरटी-पीसीआर के 1201 सैंपल हुए जबकि लक्ष्य 1800 दिया गया है। एंटीजन के 770 टेस्ट दिखाए गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपलिंग में घोर लापरवाही की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग शासन के अधिकारियों को गुमराह करने के लिए फर्जी सैंपलिंग रिपोर्ट बनाने पर आमदा है। लक्ष्य पूरा दिखाने के लिए महकमे के अधिकारी रिपोर्ट में वास्तविकता से अधिक सैंपल चढ़वाकर फर्जी रिपोर्टिंग कर रहे हैं जिससे कोरोना जांच का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

कैसे सामने आई सच्चाई : दरअसल बुधवार को स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक ने पत्र जारी कर जनपद की सैंपलिंग में रैंकिग उजागर की। जनपद को 42वां स्थान मिला था व दैनिक सैंपलिंग केवल 42.42 फीसद पाई गई थी। विभाग के अधिकारियों को लक्ष्य के मुताबिक शत प्रतिशत सैंपलिंग कराने के आदेश दिए गए।

इसके बाद बीते गुरुवार को जनपद में लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका। उच्चाधिकारियों की फटकार से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने फर्जी रिपोर्ट चढ़ाने की रणनीति बनाई। गुरुवार को 2600 के दैनिक लक्ष्य के सापेक्ष केवल 1474 सैंपल ही एकत्र हो पाए। जब रिपोर्ट सीएमओ के पास पहुंची तो उन्होंने सहयोगी अधिकारियों के साथ चर्चा की। इसके बाद गलत ढंग से ब्लाक वाइज 933 सैंपल रिपोर्ट में चढ़ा दिए गए। फाइनल रिपोर्ट के आधार पर जब प्रभारी चिकित्साधिकारियों से वार्ता की गई तो वे आश्चर्य में पड़ गए। दरअसल बाद में चढ़े 933 सैंपलों का कोई रिकार्ड किसी प्रभारी चिकित्साधिकारी के पास नहीं था।

एंटीजन टेस्ट बना रस्म अदायगी : जनपद में एंटीजन टेस्टिंग का लक्ष्य पूर्ण दिखाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में एंटीजन टेस्ट वास्तव में हो रहे हैं लेकिन कुछ क्षेत्रों में केवल पूर्ण लक्ष्य दिखाकर रिपोर्ट भेज दी जाती है। आरटी-पीसीआर सैंपल में रिपोर्ट के साथ वायरल ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) भी भेजना होता है इसलिए उसमें फर्जीवाड़ा कम हो पाता है।

अमरिया में कहीं पर नहीं हुई टेस्टिंग

रविवार को अमरिया क्षेत्र में एक भी सैंपल नहीं लिया गया और न ही कोई एंटीजन टेस्ट किया गया। अमरिया के मुड़लिया गौस क्षेत्र के बाद उत्तराखंड राज्य की सीमा शुरू होती है। रविवार को जागरण टीम सीमा पर पहुंची तो वहां किसी प्रकार की कोरोना टेस्टिंग नहीं हो रही थी। आसपास मौजूद लोगों से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कई माह से टीम ने आना बंद कर दिया है। उत्तराखंड से आने वाले लोगों की कोई कोरोना जांच नहीं होती है।

इसके बाद जागरण टीम लगभग एक किलोमीटर आगे उत्तराखंड की सीमा में पहुंची तो वहां उत्तर प्रदेश से जाने वाले लोगों की कोरोना जांच करने के लिए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग की टीम मौजूद मिली। जागरण टीम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अमरिया, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरिया कालोनी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परेवा वैश्य का निरीक्षण किया लेकिन किसी केंद्र पर कोरोना जांच नहीं हो रही थी।

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