बरेली में 23 कोटेदारों के फर्जी हस्ताक्षर कर विधायक से की शिकायत, एआरओ और पूर्ति निरीक्षक के बीच लड़ाई का निकला मामला

ARO and Supply Inspector Dispute दुनका क्षेत्र में कोटेदारों की शिकायत मामले में 23 कोटेदारों के फर्जी हस्ताक्षर कर विधायक से शिकायत किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। पूरा मामला कोटेदारों की लड़ाई का नहीं बल्कि एआरओ व पूर्ति निरीक्षकों के बीच का बताया जा रहा है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 06:41 AM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 06:41 AM (IST)
बरेली में 23 कोटेदारों के फर्जी हस्ताक्षर कर विधायक से की शिकायत, एआरओ और पूर्ति निरीक्षक के बीच लड़ाई का निकला मामला
बरेली में 23 कोटेदारों के फर्जी हस्ताक्षर कर विधायक से की शिकायत

बरेली, जेएनएन। ARO and Supply Inspector Dispute : दुनका क्षेत्र में कोटेदारों की शिकायत मामले में 23 कोटेदारों के फर्जी हस्ताक्षर कर विधायक से शिकायत किए जाने का मामला संज्ञान में आया है। पूरा मामला कोटेदारों की लड़ाई का नहीं बल्कि एआरओ व पूर्ति निरीक्षकों के बीच का बताया जा रहा है। यही नहीं मीरगंज कार्यालय में एक निजी कर्मचारी हरिशंकर का भी नाम सामने आया है। जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह ने बताया कि लंबे समय से वह किस प्रकार कार्यरत है और उसे भुगतान कहां से हो रहा है इसकी जांच करा कार्रवाई की जाएगी। डीएसओ ने बताया कि मीरगंज व बहेड़ी का चार्ज एआरओ धर्मेंद्र सिंह के पास था।

दोनों तहसीलों में तकरीबन चार सौ कोटेदार हैं। दो माह पहले पूर्ति निरीक्षक राजीव श्रीवास्तव को मीरगंज की जिम्मेदारी दी गई। नई तैनाती पर उन्होंने जब कोटेदारों के यहां औचक निरीक्षण किया तो कई खामियां मिली। जिसमें तीन राशन कोटेदारों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्राचार किया गया। जिस पर तीनों कोटेदारों ने पूर्ति निरीक्षक राजीव को हटवाने के लिए मोर्चा खोल दिया। जिसकी शिकायत विधायक डीसी वर्मा से तीन दिन पहले की गई। वहीं शिकायतकर्ताओं ने एसडीएम या डीएसओ किसी से भी शिकायत नहीं की। बल्कि शिकायती पत्र अपनी जेब में रखकर घूम रहे हैं।

पूर्व मंत्री पहुंचे काेर्ट, नहीं हाे सकी गवाही 

जानलेवा हमले के मामले में सोमवार को पूर्व मंत्री भगवत सरन कोर्ट में गवाही देने पहुंचे। अपर सेशन कोर्ट में हाफिजगंज थाना क्षेत्र के एक मामले में पूर्व मंत्री वादी हैं। उनकी तरफ से जानलेवा हमला करने के आरोप में नवाबगंज के दिवंगत विधायक केसर सिंह व उनके पुत्रों सहित कई आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। जिसके मुताबिक आरोपितों ने विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान हमला किया था। पुलिस ने तफ्तीश के दौरान दिवंगत विधायक व उनके पुत्र का नाम मामले से निकाल दिया था। सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री ने फिर से सभी आरोपितों के नाम अपने बयान में लिए थे। सोमवार को अधिवक्ताओं के कार्य से विरत रहने के कारण कोर्ट में साक्ष्य नहीं हो सका। मामले की अगली सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।

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