बरेली में कागजों पर चल रही रोजगार के दावे करने वाली कंपनियां

जिले में बड़ी संख्या में सिर्फ कागजों पर ही कंपनियों का संचालन किया जा रहा है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) प्रशिक्षण लेकर निकले।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 13 Aug 2020 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 13 Aug 2020 01:11 PM (IST)
बरेली में कागजों पर चल रही रोजगार के दावे करने वाली कंपनियां
बरेली में कागजों पर चल रही रोजगार के दावे करने वाली कंपनियां

बरेली, अखिल सक्सेना । जिले में बड़ी संख्या में सिर्फ कागजों पर ही कंपनियों का संचालन किया जा रहा है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आइटीआइ) प्रशिक्षण लेकर निकले अभ्यर्थियों को अप्रैंटिसशिप कराने के लिए जब शासन ने इन कंपनियों की जांच कराई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि कंपनियों ने जो पता दे रखा था, वहां कहीं खाली प्लाट तो कहीं लकड़ी की टाल और खंडर मिला। कई जगह तो कंपनियों का वजूद ही नहीं था। अब जांच रिपोर्ट आने के बाद विभाग में खलबली मच गई है। माना जा रहा है कि उद्योग शुरू करने के नाम पर लोन लेने के लिए ही इन कंपनियों ने अपना पंजीकरण कराया था। मामले की रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जा रही है।

दरअसल, बरेली मंडल में 22 राजकीय और 38 प्राइवेट आइटीआइ संचालित हैं। यहां से प्रशिक्षण पाने के बाद सरकार की योजना है कि अप्रेंटिस करने वाले अभ्यर्थियों को अनिवार्य रूप से किसी न किसी इंडस्ट्री से जोड़ा जाए। इसके लिए नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना के तहत प्रक्रिया शुरू की गई। प्रशिक्षण एवं सेवा योजन निदेशालय ने उद्योग विभाग में पंजीकृत कंपनियों की सूची प्रदेश भर में भेज कर स्थलीय सत्यापन कराया। इसमें बरेली जिले में 1116 कंपनियों के नाम भी शामिल थे। इनके सत्यापन में बड़ा खेल पकड़ा गया। आइटीआइ सीवी गंज की ओर से संयुक्त निदेशक आइटीआइ को भेजी रिपोर्ट के मुताबिक 1116 कंपनियों में सिर्फ 241 कंपनियां ही संचालित पाई गई हैं।

स्थलीय निरीक्षण की कुछ रिपोर्ट

1 : बीसलपुर चौराहा 72 गार्डेन सिटी जगतपुर रोड पर केजीएनसी इंडिया निधि लिमिटेड की जांच करने गए तो वहां सिर्फ एक प्लाट मिला। कंपनी को कोई नाम नहीं था।

2: होमस्टाइल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने फर्नीचर मार्केट के पास 494 सिकलापुर का जो पता दिया था, जांच अधिकारी को वहां नहीं मिला।

3 : भुता रोड गौटिया फरीदपुर स्थित आइजीएलवे मार्केटिंग (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के पते पर लकड़ी की टाल मिली।

383 कंपनियों का पता ढूंढते रहे जांच टीम के सदस्य

बीते 18 जुलाई को कंपनियों की जांच का जिम्मा मंडल के नोडल राजकीय आइटीआइ को दिया गया। बरेली में आइटीआइ सीवीगंज ने बीते सप्ताह 1116 कंपनियों का स्थलीय निरीक्षण कराया। आइटीआइ सीवीगंज के कार्यदेशक एवं अप्रेंटिस प्रभारी जेपी सक्सेना ने बताया कि सिर्फ 241 कंपनियां संचालित पाई गईं। 383 कंपनियों ने जो पता दिया, वहां पर नहीं मिलीं। 126 कपंनी बंद मिलीं। इसके अलावा कैंटोनमेंट जोन में होने की वजह से 366 कंपनियों की जांच नहीं हो पाई।

लक्ष्य पूरा करना होगा मुश्किल

नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना के तहत अभी तक कंपनी को अप्रैंटिस करने वाले प्रशिक्षार्थी के हिसाब से डेढ़ हजार रुपये केंद्र सरकार देती थी। लेकिन बीते दिनों मुख्यमंत्री ने इसमें अपने स्तर से एक हजार रुपये बढ़ा दिए। साथ ही हर जिले को अप्रैंटिस कराने का लक्ष्य तय कर दिया। अब जब कंपनियां ही कागजों पर चल रही हैं तो लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं है।

अभी दो जिले की रिपोर्ट आई है। ज्यादातर कंपनियां अपने जगह मिली नहीं। सिर्फ कागजों पर ये पंजीकृत हैं। इसलिए प्रशिक्षण एवं सेवा योजन निदेशालय को रिपोर्ट भेजी जाएगी। साथ ही निदेशालय के माध्यम से ऐसी कंपनियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई के लिए उद्योग विभाग को भी लिखा जाएगा। राजेंद्र प्रसाद, संयुक्त निदेशक, प्रशिक्षण-शिशिक्षु, बरेली मंडल

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