आयुक्त मनरेगा को आया गुस्सा, जल निगम के जेई से बोले तुम्हारी तो जब्त करा दूंगा डिग्रियां

टंकी पानी की लेकिन लोग प्यासे शेड यात्रियों को छांव देने के लिए लेकिन घटिया सामग्री से बनाकर लाखों की बंदरबांट का डाली। गड़बड़ियों का पुलिंदा शासन से आयुक्त मनरेगा के बरेली आने पर खुला। आयुक्त मनरेगा इस कदर नाराज हुए कि जेई को सस्पेंड करने के लिए कह डाला।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:40 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 05:53 PM (IST)
आयुक्त मनरेगा को आया गुस्सा, जल निगम के जेई से बोले तुम्हारी तो जब्त करा दूंगा डिग्रियां
आयुक्त मनरेगा को आया गुस्सा वाली खबर में प्रतीकात्मक फोटो

बरेली, जेएनएन। टंकी पानी की लेकिन लोग प्यासे, शेड यात्रियों को छांव देने के लिए लेकिन घटिया सामग्री से बनाकर लाखों की बंदरबांट का डाली। गड़बड़ियों का पुलिंदा शासन से आयुक्त मनरेगा के बरेली आने पर खुला। आयुक्त मनरेगा इस कदर नाराज हुए कि जेई को सस्पेंड करने तक के लिए कह डाला। बोले, जिधर हाथ डालो गड़बड़ी। लाखों रुपये फंड में पड़े हैं, लेकिन पानी के पाइप, टोंटी ठीक नहीं कर सके। उनके साथ बिथरीचैनपुर के विधायक राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल और प्रभारी डीएम चंद्रमाेहन गर्ग भी मौजूद रहे। दरअसल बिथरीचैनपुर विधायक ने मुख्यमंत्री की समीक्षा में विकास के मुद्दों के साथ श्यामप्रसाद मुखर्जी योजना के तहत बनी पानी की टंकियों को ऐरावत हाथी करार दिया था। उन्होंने कहा विधानसभा क्षेत्र में जब विकास ही नहीं हुआ, तो चुनाव में वोट कैसे मांगेंगे।

सीएम ने मामले पर सख्त रुख अख्तियार किया और आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार को बरेली भेज दिया। सर्किट हाउस में प्रभारी डीएम चंद्रमोहन गर्ग और बिथरीचैनपुर विधायक के साथ मुलाकात करने के बाद वह दोपहर तीन बजे बिथरीचैनपुर के फरीदापुर इनायत खां पहुंचे। यहां सड़क के किनारे बस स्टॉप पर बने यात्री शेड के फर्श को उन्होंने पहले पैर से ठोकर मांगी। फिर खाेदवा कर देखा तो अंदर राेड़ी नहीं मिली। उसके सैंपल जांच के लिए सील करवा लिये। जेई से बोले - क्या ये चलेगा। जल्दी उखड़ जाएगा। घपला क्यों करते हो। जेई ने सफाई दी कि उसकी तैनाती नहीं है। पुराने जेई रिटायर हो गए। शेड में लगी टीन की मोटाई भी मानक से कम मिली। फंड बचा हुआ है, लेकिन टोटी ठीक नहीं करवा सकते। ग्राम पंचायत की जमीन पर लगे आरओ प्लांट से टंकी काफी दूर मिली। टोटी से पानी टपक रहा था। ऊंचाई भी ज्यादा थी। उन्होंने जेई को हड़काते हुए पूछा क्या इससे बच्चे पानी पी सकेंगे। मजाक बना रखा है। उन्होंने सचिव विवेक गंगवार टंकियां आपको कब हैंडओवर हुई, सचिव ने कहा एक महीने पहले। आयुक्त ने पूछा कि ग्राम पंचायत में कितनी निधि आई। जवाब मिला तीन लाख बीस हजार, बचे है दो लाख 90 हजार।

आयुक्त भड़क कर बोले कि इतनी रकम के बावजूद टोटी सही नहीं करवा पाए। गांव में लगे पीने के पानी के तीन प्वाइंट जांचे। पानी कही भी नहीं आता मिला। गलत निर्माण करने वाले जेई को भी हड़काया। बोले ठीक से काम करना भी नहीं आता। जेई से कहा कि क्यों न तुम्हे संस्पेड कर दिया जाए। फर्श टूटा मिला, रिकवरी के निर्देश गांव के अंदर बने आरओ प्लांट का फर्श टूटा मिला। जेई जलनिगम पर बिगड़ते हुए उन्होंने कहा कि सस्पेंड करके रिकवरी करवाई जाए। पानी का टीडीएस जांचने के निर्देश दिए। जेई से पूछा कि तुम्हारे घर में लगे आरओ का टीडीएस कितना है। क्या ऐसा ही पानी पीते हो। जेई कहा कि मैं नल का पानी पीता हूं। आयुक्त ने गुस्साते हुए कहा कि इसका पानी पीकर दिखाओ। लालच में भ्रष्टाचार मत फैलाओ। दौरे के दौरान आयुक्त नाराज नजर आए। जेई जलनिगम से बोले कि तुम्हारी डिग्रियां जब्त करवा दूंगा। तुम्हारी रिपोर्ट भेजूंगा कि उनको खुबसूरती वाला कोई काम न दें। मुर्दाघर बनवाना हो तो इनको बुला लें। इसके बाद बिथरीचैनपुर के हाट को देखा। टीन शेड की तारीफ की। उड़ला जागीर में भी पहुंचे तो नाले की चौड़ाई देखकर नाराजगी जाहिर की। नरियावल के कम्यूनिटी हॉल को भी जांचा।

मुख्यमंत्री से मैने शिकायत की थी। इसके बाद मनरेगा के आयुक्त यहां आए थे। उन्हें खामियां मिली है। रिपोर्ट वह शासन में देंगे। मेरा मकसद सिर्फ लोगों को सुविधाएं पहुंचाना है। - राजेश मिश्रा उर्फ पप्पू भरतौल, विधायक बिथरीचैनपुर

बिथरीचैनपुर के 13 गांव का क्लस्टर चुना गया था। यहां अर्बन की सुविधाएं दी जानी थी। पानी की टंकियों की मैंटीनेंस के लिए एक ठोस रणनीति बनाई है। जिसको शासन को सौंप दूंगा। - योगेश कुमार, आयुक्त मनरेगा

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