Choudhary Ajit Singh Memories News : बरेली में दौड़ी दुख की लहर, किसानों के मसीहा ने इस्लामिया ग्राउंड से बुलंद की थी आवाज

Choudhary Ajit Singh Memories News कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर गुरुवार को राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख चौधरी अजीत सिंह निधन होने के बाद बरेली के किसानों में दुख की लहर दौड़ गई। किसानों की जुबां पर यही अल्फाज थे

By Ravi MishraEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 04:15 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 04:15 PM (IST)
Choudhary Ajit Singh Memories News : बरेली में दौड़ी दुख की लहर, किसानों के मसीहा ने इस्लामिया ग्राउंड से बुलंद की थी आवाज
Choudhary Ajit Singh Memories News : किसानों के मसीहा ने इस्लामिया ग्राउंड से बुलंद की थी आवाज

बरेली, जेएनएन। Choudhary Ajit Singh Memories News : कोरोना संक्रमण की चपेट में आकर गुरुवार को राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख चौधरी अजीत सिंह निधन होने के बाद बरेली के किसानों में दुख की लहर दौड़ गई। किसानों की जुबां पर यही अल्फाज थे कि किसानों के मसीहा दुनिया को अलविदा कह गए। समर्थक दुख के साथ चौधरी अजीत सिंह के बरेली के पुराने दौरों को याद करते हुए इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट भी करने लगे। किसानों ने बताया कि सालों पहले बरेली के इस्लामियां ग्राउंड में भी किसानों के लिए चौधरी अजीत सिंह ने आवाज बुलंद की थी।

चौधरी अजीत सिंह ने हमेशा सादगी के साथ जीवन व्यतीत किया। यही कारण था कि सामान्य जन भी उनसे खुद को बेहद करीब महसूस कर पाते थे। उनके जाने से किसान नेताओं की उस किसान राजनीति को भी धक्का लगा है जो किसानों की हक की आवाज बनकर सत्ता के गलियारों में गूंजती रही है।

उन्होंने पिता चौधरी चरण सिंह की सिर्फ राजनीति की विरासत ही नहीं संभाली थी, बल्कि उनकी सादगी भी उनके व्यवहार में हमेशा झलकती थी। स्थानीय किसान नेताओं ने बताया कि जब वे केंद्र सरकार में मंत्री हुआ करते थे, तब भी हर एक किसान की उनसे सीधी पहुंच हुआ करती थी। अजीत के बेटे जयंत समय-समय बरेली पहुंचकर किसानों की समस्या सुनने आते रहते हैं।

चौधरी अजीत सिंह किसानों के मसीहा थे। उनके होने से किसान कभी खुद को कमजोर महसूस न करता। उनका जाने से किसानों की लड़ाई और हक को धक्का लगेगा। - गजेंद्र सिंह, भारतीय किसान यूनियन, टिकैत गुट, अध्यक्ष

किसानों से उनको काफी लगाव था। वे हमेशा यही कहते थे कि किसान ही देश को आगे बढ़ाने का काम करते हैं, इसलिए किसानों को आगे बढ़ाना चाहिए। उनके निधन की खबर बहुत पीड़ादायक है। - डॉ रवि नागर, किसान नेता 

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