जवाहरबाग कांड के आरोपित से सीबीआई ने की पूछताछ, स्थानीय पुलिस को कार्रवाई से रखा दूर

मथुरा के जवाहरबाग कांड मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को सीबीआई टीम के बरेली आने की सुगबुगाहट रही। टीम ने लोकल पुलिस को कार्रवाई से बिल्कुल दूर रखा। अंदाजा लगा सकते हैं कि लोकल पुलिस के साथ प्रशासन काे भी इसकी भनक नहीं लगी।

By Sant ShuklaEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 11:30 AM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 11:30 AM (IST)
जवाहरबाग कांड के आरोपित से सीबीआई ने की पूछताछ, स्थानीय पुलिस को कार्रवाई से रखा दूर
मामला दाे जून वर्ष 2016 का है। मथुरा के जवाहरबाग में हिंसा हुई थी।

बरेली, जेएनएन।  मथुरा के जवाहरबाग कांड मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को सीबीआई टीम के बरेली आने की सुगबुगाहट रही। टीम ने लोकल पुलिस को कार्रवाई से बिल्कुल दूर रखा। अंदाजा लगा सकते हैं कि लोकल पुलिस के साथ प्रशासन काे भी इसकी भनक नहीं लगी। गुपचुप तरीके से आरोपितों से पूछताछ के बाद टीम वापस रवाना हो गई।

मामला दाे जून वर्ष 2016 का है। मथुरा के जवाहरबाग में हिंसा हुई थी। पुलिस और मुख्य आराेपित रामवृक्ष के समर्थकाें के बीच घंटों मुठभेड़ चली थी। जिसमें मेरठ के तत्कालीन एसपी सिटी रहे मुकुल दि्वेदी और थानाध्यक्ष संतोष की जान चली गई थी। 27 कब्जाधारियों की भी मौत हुई थी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस ने रामवृक्ष के करीबियों पर शिकंजा कसा। उनकी गिरफ्तारी हुई, जेल भेजे गए। बीते दिनों इनमें से कई आरोपित जेल से रिहा हुए है। इसमें बदायूं के रहने वाले एक युवक के साथ बरेली के तीन युवक भी शामिल हैं। बरेली में दो युवक भुता के रहने वाले हैं व एक इज्जतनगर का रहने वाला है। जवाहरबाग कांड में रामवृक्ष की मदद के आरोप में तीनाें जेल गए थे। बदायूं के आरोपित से पूछताछ के बाद सीबीआइ बरेली पहुंची। बरेली पहुंचने के बाद टीम सीधे पहले भुता पहुंची। यहां आरोपिताें से पूछताछ की, इसके बाद इज्जतनगर पहुंची।सीबीआई की दस्तक की दिनभर प्रशासन के आला-अधिकारियों में चर्चा होती रही लेकिन, पुष्टि करने से अफसर इन्कार करते रहे।

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