Cantt Board News : नही होगा चुनाव, नामित सदस्य बनने के लिए नामी चेहरे खटखटा रहे सांसद और विधायकों के दरवाजे

Cantt Board Election News छावनी परिषद की कार्यकारिणी कुछ दिन पहले भंग हो चुकी है। रक्षा मंत्रलय ने अभी तक अगली तारीख तय नहीं की है। ऐसे में साफ है कि इस साल छावनी परिषद के चुनाव नहीं होंगे। ऐसे में महज तीन सदस्यीय बोर्ड होगा।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 07:51 AM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 05:25 PM (IST)
Cantt Board News : नही होगा चुनाव, नामित सदस्य बनने के लिए नामी चेहरे खटखटा रहे सांसद और विधायकों के दरवाजे
Cantt Board News नही होगा चुनाव, नामित सदस्य बनने के लिए नामी चेहरे खटखटा रहे सांसद और विधायकों के दरवाजे

बरेली, जेएनएन। Cantt Board Election News : छावनी परिषद की कार्यकारिणी कुछ दिन पहले भंग हो चुकी है। रक्षा मंत्रलय ने अभी तक अगली तारीख तय नहीं की है। ऐसे में साफ है कि इस साल छावनी परिषद के चुनाव नहीं होंगे। ऐसे में महज तीन सदस्यीय बोर्ड होगा। इसमें अध्यक्ष के तौर पर जाट रेजीमेंट कमांडेंट और मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) सचिव होंगे। जनप्रतिनिधियों के नाम पर महज एक नामित सदस्य होगा। ऐसे में अब इस पद के लिए बोर्ड के कुछ पूर्व सदस्यों और छावनी क्षेत्र के नामी चेहरों ने राजनीति शुरू कर दी है।

नामित कार्यकारिणी सदस्य को वैसे तो यस मैन कहा जाता है। वजह, तीन लोगों के बोर्ड में अध्यक्ष और सचिव का फैसला ही बहुमत से पास होगा। बावजूद इसके इस पद के लिए लोग पूरा जोर लगा रहे हैं। कुछ दावेदार पार्टी में राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी तक पहुंच बनाने में लगे हैं। वहीं, कुछ केंद्रीय मंत्री का सोर्स लगाने की जुगत में हैं। अब देखना यह होगा कि किसकी दस्तक कुबूल होती है।

भेजे जाएंगे तीन नाम, एक होगा तय: छावनी परिषद अधिनियम के मुताबिक नामित सदस्य के तौर पर तीन नाम भेजे जाने हैं। इसमें बरेली छावनी परिषद के चार पूर्व सदस्यों के अलावा छावनी क्षेत्र निवासी भी आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड अध्यक्ष तीन नाम चयनित करेंगे। इन्हें जरूरी दस्तावेज के साथ दिल्ली मुख्यालय भिजवाया जाएगा। इन्हीं में से एक नाम तय होगा।

यह होता है बोर्ड

बरेली छावनी परिषद में 14 लोगों का बोर्ड होता है। इसमें अमूमन ब्रिगेडियर रैंक पर तैनात होने वाले जाट रेजीमेंट कमांडेंट अध्यक्ष और मुख्य अधिशासी अधिकारी (सीईओ) सचिव होते हैं। इसके अलावा छावनी क्षेत्र में मतदान के जरिए चुने गए सात जनप्रतिनिधि भी बोर्ड में शामिल होते हैं। इनमें से एक सदस्य जनप्रतिनिधियों के आपसी चुनाव के जरिए बोर्ड उपाध्यक्ष बनता है। इसके अलावा एक प्रशासनिक अधिकारी, एक जेआरसी एडम कमांडेंट व तीन अन्य सैन्य अधिकारी होते हैं।

चुनाव न हुए, तो जारी रहेगा तीन सदस्यीय बोर्ड

जानकार बताते हैं कि चुनाव न होने पर तीन सदस्यीय बोर्ड की कोई सीमा अधिनियम में तय नहीं है। यानी जब तक चुनाव नहीं होंगे, तीन सदस्यीय बोर्ड रहेगा। ये अलग बात है कि अभी तक दिल्ली स्थित मुख्यालय से नामित सदस्यों के भी नाम नहीं मांगे गए हैं।

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