Campusnama : बडे़ साहब की बातों से ज्यादा मटर-पनीर पर नजर Bareilly News
अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक की मंडलीय संगोष्ठी तय हुई। इसमें बेसिक के स्कूलों में सुधार पर चर्चा होनी थी। सवाल बड़े प्रशासनिक अधिकारी को प्रसन्न करने का था
शशांक अग्रवाल : अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक की मंडलीय संगोष्ठी तय हुई। इसमें बेसिक के स्कूलों में सुधार पर चर्चा होनी थी। सवाल बड़े प्रशासनिक अधिकारी को प्रसन्न करने का था तो, उन्हें खुश करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई। हाईप्रोफाइल संगोष्ठी के खाने का मेन्यू भी हाईप्रोफाइल रखा गया, लेकिन मेन्यू का मटर-पनीर बनकर तैयार होने से पहले ही प्लेट से बाहर जा पहुंचा। समाजसेवियों ने आपत्ति जाता दी। कोशिश की गई मेन्यू बदला जाए। आयोजन करने वाले साहब अपनी ओर उठने वाली आपत्तियों को दरकिनार करते हुए मैदान में डटे रहे। संगोष्ठी में महानिदेशक शिक्षकों में जोश भरते रहे लेकिन, शिक्षकों की नजरें तो मटर-पनीर पर टिकी थीं। लंबे इंतजार के बाद खाने की बारी आई तो सबसे पहले जुबां पर पहुंचा मटर-पनीर। शिक्षक दौड़कर साहब के पास पहुंचे और कह दिया मटर-पनीर ठीक है।
बैग की सुरक्षा लेने को शिक्षकों में रही बेबसी
स्कूल शिक्षा महानिदेशक की मंडलीय संगोष्ठी में आयुक्त के साथ चार जिलों के डीएम, सीडीओ, डीपीआरओ, बीएसए, बीईओ, एआरपी पहुंचे। शुरुआत में ही कड़ा रुख दिखाते हुए इंस्पेक्टर राज पर लगाम लगाने का फरमान सुना दिया। कहा लेने-देने की प्रथा को बंद कर दें। शिक्षक बाहर निकले। सोचा कुछ खा लिया जाए, फिर फरमान याद आ गया। ऐसे में पानी पीकर ही काम चलाने की सूझी। पानी ढूंढते हुए हॉल के बराबर कमरे में जा पहुंचे। सुंदर बैग देखकर जी ललचा गया, फरमान व प्यास दोनों भूल बैठे। बैग की सुरक्षा में सुरक्षाकर्मी खड़े थे। शिक्षक कुछ देर रुके, थोड़ा बतियाये, काम नहीं बना तो आगे बढ़ गए। बैग हथियाने को चेले लगा आए। संगोष्ठी खत्म होने के बाद जरूरी फाइलों को बैग में रखकर आला अफसरों की कार में रख दिया गया। चेलों को खाली हाथ लौटना पड़ा। जिसे देख शिक्षकों के चेहरे पर बेबसी झलकी।
काम करो, दे दूंगा जान
स्कूल शिक्षा महानिदेशक बेसिक स्कूलों के कायाकल्प के लिए जीजान से लगे हुए हैं। मिशन मोड में रात-दिन एक करते हुए प्रदेशभर में मंडलीय संगोष्ठी कर रहे हैं। 15 जनवरी को आइवीआरआइ पहुंचे महानिदेशक ट्रेनिंग के बाद जब मंच से उतरे तो शिक्षकों ने उन्हें सेल्फी के लिए घेर लिया। सभी से गर्मजोशी से मिले और मुस्कुराकर फोटो खिंचवाया। पीछे खड़े खंड शिक्षा अधिकारी अपनी बारी का इंतजार करने लगे। इसी बीच एक सवाल के जबाव में एक बीईओ पता नहीं कह बैठे। महानिदेशक ने फटकार लगाई। एंग्री यंग मैन की स्टाइल में कहा विभाग के पास खूब पैसा है। फिर भी काम क्यों नहीं कर रहे। सब व्यवस्था दे रहा हूं। जो काम करेगा, मेरे साथ रहेगा। उसके लिए जान तक दे दूंगा। आप लोग सहयोग करें या नहीं करें, मिशन को पूरा करके ही दम लूंगा। महानिदेशक का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
ताली नहीं, जमीनी काम चाहिए
स्कूल शिक्षा के पहले महानिदेशक विजय किरन आनंद मंडल के लिए परिचित नाम हैं। वह पहले शाहजहांपुर डीएम रहे। कार्यप्रणाली भी सभी जानते। वह पिछले दिनों आइवीआरआइ में आयोजित मिशन प्रेरणा की मंडलीय संगोष्ठी में चिर-परिचित तेवर में दिखाई दिए। औपचारिकताओं व लाव-लश्कर को दरकिनार कर दिया। बच्चों के प्रति नरमी बरती तो विभागीय अफसरों के पेच कसे। बोलना शुरू किया तो अगले डेढ़ घंटे तक बोलते ही रहे। हालांकि यह महज कोई संबोधन नहीं बल्कि यह शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए मिशन प्रेरणा का बारीक अध्ययन था। अकादमिक रिसोर्स पर्सन को बुनियादी शिक्षा का महत्व समझाया। सामने बैठे एआरपी ने सवाल पूछने की बजाए तालियां बजा दीं। तब जवाब मिला कि हमें ताली नहीं, जमीनी स्तर पर काम चाहिए। जो हमारे साथ हैं, हाथ उठाएं। वीडियो बना रहा हूं, जो हाथ नहीं उठाएगा चिह्न्ति कर लिया जाएगा।