जिला अस्पताल की सफाई में गोलमाल, साढ़े तीन लाख खर्च का हो रहा छह लाख भुगतान Bareilly News

सफाई आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ बाल्मीकि ने गुरुवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। सफाई व्यवस्था पर खर्च किये जाने वाले पैसे का ब्यौरा मांगा तो उसमें गोलमाल सामने आया।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 11:26 AM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 05:54 PM (IST)
जिला अस्पताल की सफाई में गोलमाल, साढ़े तीन लाख खर्च का हो रहा छह लाख भुगतान Bareilly News
जिला अस्पताल की सफाई में गोलमाल, साढ़े तीन लाख खर्च का हो रहा छह लाख भुगतान Bareilly News

जेएनएन, बरेली : सफाई आयोग के अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ बाल्मीकि ने गुरुवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान जब उन्होंने सफाई व्यवस्था पर खर्च किये जाने वाले पैसे का ब्यौरा मांगा तो उसमें गोलमाल सामने आया। पता चला कि सफाई के लिए कंपनी को भुगतान छह लाख रुपये का किया जा रहा लेकिन, सिर्फ साढ़े तीन लाख रुपये ही खर्च किए जा रहे।

जिला अस्पताल में वार्डों का निरीक्षण करने के बाद सुरेंद्र नाथ बाल्मीकि ने सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला के कार्यालय में बैठकर सफाई कर्मचारियों के बारे में जानकारी ली। इस पर उन्हें बताया गया कि सफाई का ठेका प्राइम क्लीनिक को दिया गया है और मौजूदा समय में 42 कर्मचारी हैैं, जिनकी ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई जाती है। वर्तमान में 25 कर्मचारियों के उपस्थित होने की जानकारी दी गई। इस पर अध्यक्ष ने सबको बुलाकर उनकी हाजिरी लगवाई। जिसमें एक-दो कर्मचारी अनुपस्थित मिले।

अध्यक्ष ने कंपनी की भुगतान के बारे में पूछा तो मैनेजर ने बताया कि छह लाख रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता है। इस पर अध्यक्ष ने सफाई सुपरवाइजर दिनेश पटेल और प्रमोद कुमार से उनका वेतन पूछा। सुपरवाइजर ने 12 हजार वेतन बताया। इसके बाद सफाई कर्मचारी इंद्रपाल आदि ने वेतन पांच हजार रुपये बताया। साथ ही कहा कि छुट्टी लेने पर वेतन काट लिया जाता है।

इस पर अध्यक्ष सुरेंद्र नाथ बाल्मीकि ने मैनेजर से कहा कि अगर सफाई के सामान का भी खर्च जोड़ लिया जाए तो करीब 3 लाख 38 हजार रुपये होता है। बाकी का पैसा कहां जाता है। इस पर मैनेजर कुछ जवाब नहीं दे पाई। उनसे सफाई के टेंडर की फाइल भी अध्यक्ष ने मंगाई लेकिन उसमें न तो दिए जाने वाले वेतन का उल्लेख कहीं था और न ही खरीदे जाने वाले सामान की जानकारी थी। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि कंपनी ने न तो पीएफ काटने की जानकारी दी है और न ही बीमा की।

कई महीनों में मिलता है वेतन

सीएमओ ने मल्टीपरपज स्टाफ मुहैया कराने वाली अवनि परिधि कंपनी की शिकायत की। कहा कि हम समय से भुगतान कर देते हैैं लेकिन कंपनी कई महीनों बाद कर्मचारियों को भुगतान करती है। इस पर अध्यक्ष ने दोनों ही कंपनी पर कार्रवाई करने और ब्लैक लिस्टेड करने के लिए सीएम और प्रमुख सचिव को रिपोर्ट सौंपने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह हालत तब है जब सरकार की तरफ से न्यूनतम वेतन 318 रुपये के करीब है।

अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

सुरेंद्र नाथ बाल्मीकि ने कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अधिकारी मैला ढोने वालों की रिपोर्ट गलत भेज रहे हैैं। ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। नगर निगम ने अपने यहां पर ऐसे लोगों की संख्या तीन बताई है। नवाबगंज में अपात्रों को पैसा दिए जाने की जांच करवाने की बात भी कही।

सफाई कर्मचारी भर्ती में भरे ड्राइवर

उन्होंने बताया कि नगर निगम में भी सफाई कर्मचारियों का दो साल से पीएफ नहीं काटा जा रहा है। हाल यह है कि बैकलाग सफाई कर्मचारियों की भर्ती में बाल्मीकि समाज के लोगोंं को भर्ती नहीं किया गया बल्कि दूसरे समाज के 120 ड्राइवर और सौ कार्यवाहक सफाई नायक भर्ती कर लिए। इनमें से कोई भी सफाई का काम नहीं कर रहा है बल्कि कोई अधिकारी के यहां खाना बना रहा है तो कोई उनके यहां सब्जी ला रहा है।

उन्होंने कहा कि सफाई नायक का काम सफाई कर्मचारी करेंगे या दूसरी जाति वाले सही कर पाएंगे। इन लोगों को ड्राइवर पदों पर इसलिए भर्ती किया गया जिससे इन्हें सफाई का काम न करना पड़े। उन्होंने कहा कि नगर निगम में जनसंख्या के हिसाब से 1175 सफाई कर्मचारी कम हैैं। उन्होंने नगर निगम में बैठक की जबकि कलेक्ट्रेट में योजनाओं की समीक्षा बैठक की। इस दौरान नगर आयुक्त सालिड वेस्ट मैनेजमेंट और डोर टू डोर कलेक्शन के बारे में भी बताया।  

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