कम आपूर्ति के नाम पर कालाबाजारी, अफसर जांच में सिमटे
प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा की सख्ती के बावजूद बरेली में ऑक्सीजन व उससे जुड़े कई सर्जिकल आइटम जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहे। आपूर्ति भरपूर नहीं आ रही यह कहकर दुकानदार ग्राहकों से मनमाना दाम वसूल रहे। कालाबाजारी देख ड्रग अथॉरिटी की टीमें भी सक्रिय हो चुकी हैं।
बरेली, जेएनएन : प्रभारी मंत्री श्रीकांत शर्मा की सख्ती के बावजूद बरेली में ऑक्सीजन व उससे जुड़े कई सर्जिकल आइटम जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहे। आपूर्ति भरपूर नहीं आ रही, यह कहकर दुकानदार ग्राहकों से मनमाना दाम वसूल रहे। कालाबाजारी देख ड्रग अथॉरिटी की टीमें भी सक्रिय हो चुकी हैं। कंपनियों से थोक में आने वाली सामग्री के साथ फुटकर की दुकानों तक पहुंचने वाली सामग्री को जांचा जा रहा है। स्टॉक में हेरफेर पकड़ने के लिए कवायद की जा रही है, लेकिन फिलहाल लोगों को ऑक्सीजन और उससे जुड़े सर्जिकल आइटम नहीं मिल पा रहे हैं। सर्जिकल आइटम का स्टॉक कालाबाजारी करने वाले शास्त्री मार्केट के पुराने स्टॉकिस्ट थोक और फुटकर कारोबारियों की चेन तोड़ रहे हैं। कुछ स्टॉकिस्ट ड्रग विभाग के निशाने पर भी आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि शहर में दस हजार से अधिक आक्सीजन सिलिडर स्टॉक हुए हैं। रेसपायरोमीटर भी दुकानों से गायब
कोविड काल में रिसपायरोमीटर यानी फेफड़ों की कसरत वाली किट की मांग बढ़ी है। पहले यह 150-500 तक मिल जाते थे, लेकिन अब बाजार में ढूंढने से भी नहीं मिल रहे है। सामान्य आइवी फ्लूड भी दुकानों पर कम मिल रही है। सिर्फ डीडीपुरम की एक सर्जिकल दुकान में ही ये आइटम मौजूद हैं। ऑक्सीजन कंस्ट्रेप की मांग इस कदर बढ़ी हुई है कि दुकानदार एडवांस बुकिग ले रहे हैं। इसके बाद भी ग्राहक को गारंटी नहीं कि ऑक्सीजन कंस्ट्रेप मिलेगा कि नहीं। सर्जिकल आइटम पहले अब
आक्सीजन सिलिडर 400 पौंड : 3500 10000
आक्सीजन फ्लो मीटर : 500-600 4000-5000
आक्सीजन मास्क : 50 दुकानों पर नहीं
नेबुलाइजर : 1000 2000
वेपोराइजर : 250 दुकानों पर मिलना कम हुआ
ऑक्सीजन कंस्ट्रेप : 35 हजार 50 हजार (एडवांस बुकिग)
रेसपायरोमीटर : 150-500 अब नहीं मिल रहा
दवाओं की छानबीन के लिए हमनें चार टीमों का गठन किया है। लोगों की सहूलियत कि लिए चौबीस घंटे काम किया जा रहा है।
संजय कुमार, सहायक आयुक्त ड्रग