Black Fungus Infection News : कोरोना महामारी के बीच बरेली मंडल में ब्लैक फंगस की दस्तक, पीलीभीत जिले में मिला पहला केस
Black Fungus Infection News कोरोना संक्रमण के बाद एक और जानलेवा बीमारी ने बरेली मंडल में दस्तक दे दी है। संक्रमण से उबर चुके लोगों को ब्लैक फंगस अपना शिकार बना रही है। पीलीभीत शहर में ब्लैक फंगस का पहला मरीज सामने आया है। इससे खलबली मच गई है।
बरेली, जेएनएन। Black Fungus Infection News : कोरोना संक्रमण के बाद एक और जानलेवा बीमारी ने बरेली मंडल में दस्तक दे दी है। संक्रमण से उबर चुके लोगों को ब्लैक फंगस अपना शिकार बना रही है। पीलीभीत शहर में ब्लैक फंगस का पहला मरीज सामने आया है। जानलेवा बीमारी का पहला केस सामने आने से खलबली मच गई है। केस की पुष्टि शहर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन साहनी ने की है। यह बरेली मंडल का पहला केस है। इससे पहले मंडल में कोरोना संक्रमण व बर्ड फ्लू का भी पहला केस पीलीभीत जिले में ही पाया गया था।
शहर में मुहल्ला साहूकारा निवासी 47 वर्षीय व्यक्ति विगत माह कोरोना संक्रमित पाया गया था। संक्रमित व्यक्ति का इलाज बरेली के राजश्री मेडिकल कॉलेज में चला। इलाज के दौरान मरीज को आक्सीजन दी गई व दवाओं में स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया गया। 26 अप्रैल को डिस्चार्ज होकर लौटे व्यक्ति की दवाइयां चलती रहीं। 6 मई को व्यक्ति को आंखों में सूजन व लालामी महसूस हुई। एक ही दिन में आंख थोड़ी बाहर को निकल आई। पीड़ित व्यक्ति शहर के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. विपिन साहनी को दिखाने पहुंचा तो उन्हें ब्लैक फंगस की आशंका हुई।
उन्होंने सीटी स्कैन कराया जिसमें ब्लैक फंगस रोग की पुष्टि हुई। डॉ. विपिन ने मरीज को बेहतर उपचार के लिए दिल्ली रेफर कर दिया है।कौशल्या देवी आंख अस्पताल डॉ. विपिन साहनी ने बताया कि शहर के एक मरीज में ब्लैक फंगस का केस पाया गया है। लक्षणों के आधार पर मरीज का सीटी स्कैन कराया गया जिससे आंख में फंगस की पुष्टि हुई। इस बीमारी का इलाज यहां संभव नहीं है। मरीज को दिल्ली रेफर कर दिया गया है। पीलीभीत जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने बताया कि कोरोना संक्रमण में इलाज के दौरान मरीजों को स्टेरॉयड दिए जा रहे हैं।
जो संक्रमित डायबिटीज के रोगी हैं उन्हें डॉक्टर की उचित परामर्श के बाद ही स्टेरॉयड देना चाहिए। स्टेरॉयड के साथ यह ध्यान रखना चाहिए कि मरीज का ब्लड शुगर नार्मल रहे। इसका साइड-इफेक्ट शरीर के किसी भी अंग में फंगस उत्पन्न कर सकता है। यह आंख, मुंह, फेफड़े आदि किसी भी अंग में हो सकती है। इससे बचाव का कोई खास उपाय नहीं है। स्टेरॉयड का संतुलित व उचित देखरेख में प्रयोग ही बचाव है। यह जानलेवा बीमारी है। इसका इलाज काफी लंबा है।