UP Assembly Election 2022 : पीलीभीत में भाजपा ने कुर्मी वाेटराें काे लेकर शुरु की अपनी रणनीति, अपना रही साेशल इंजीनियरिंग का ये फार्मूला

UP Assembly Election 2022 पीलीभीत में भारतीय जनता पार्टी मिशन 2022 को फतह करने के लिए किसी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं है। भाजपा ने युद्ध की भांति तैयारी कर रखी है। भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को भी अपनाया है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 10:57 AM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 10:57 AM (IST)
UP Assembly Election 2022 : पीलीभीत में भाजपा ने कुर्मी वाेटराें काे लेकर शुरु की अपनी रणनीति, अपना रही साेशल इंजीनियरिंग का ये फार्मूला
पीलीभीत में भाजपा ने अपना सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला, कुर्मी मतदाताओं को लेकर शुरू की रणनीति

बरेली, देवेंद्र देवा। UP Assembly Election 2022 : पीलीभीत में भारतीय जनता पार्टी मिशन 2022 को फतह करने के लिए किसी तरह का जोखिम लेने के मूड में नहीं है। भाजपा ने युद्ध की भांति तैयारी कर रखी है। भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को भी अपनाया है। जिसके तहत जातिगत समीकरणों को पार्टी के पक्ष में करने की रणनीति बनाई गई है। पार्टी की ओर से रुहेलखंड मंडल में कुर्मी बिरादरी के मतदाताओं को साधने के लिए स्वजातीय विधायकों को जुटा दिया गया है। सदर विधायक संजय सिंह गंगवार को बरेली और शाहजहांपुर जनपदों की पांच विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं राजस्व राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार को पीलीभीत जिले की तीन विधानसभा सीटों पर लगाया गया है। स्वजातीय विधायक गांव गांव चौपाल के जरिये बिरादरी के लोगों से रूबरू हो रहे हैं।

यूं तो हर चुनाव में जातीय समीकरणों का खास महत्व है। जिस कारण राजनीतिक दलों की चुनावी रणनीति जातीय समीकरणों पर ही केंद्रित रहती है। बहुजन समाज पार्टी ने जातीय समीकरणों के जरिये जो रणनीति तैयार की थी, उसे सोशल इंजीनियरिंग फार्मूला नाम से प्रचारित किया गया। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने भी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर आधारित रणनीति तैयार की है। जिसके तहत पार्टी ने जातिगत मतदाताओं के बहुल्यता के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों में संबंधित स्वजातीय विधायकों को माहौल बनाने के लिए जुटा दिया है। स्वजातीय विधायक बिरादरी

के लोगों के बीच बैठकर उनकी समस्याओं को सुनकर यथासंभव समाधान कराने पर जोर दे रहे हैं। साथ ही उत्तर प्रदेश में एक बार फिर भाजपा को सत्ता की बागडोर सौंपे जाने के लिए स्वजातीय मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर रहे हैं।

रुहेलखंड मंडल में कुर्मी बिरादरी के मतदाताओं की भी निर्णायक संख्या है। खासकर पीलीभीत, बरेली, बदायूं में कुर्मी जाति के वोट हार जीत के उलटफेर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पीलीभीत जिले में सदर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 60 से 70 हजार, बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र में 70 से 80 हजार तथा बरखेड़ा विधानसभा में लगभग 30 हजार कुर्मी मतदाता हैं। भाजपा के चुनाव रणनीतिकारों ने जिले के इन तीनों विधानसभा क्षेत्र में कुर्मी मतदाताओं को साधने के लिए राजस्व राज्यमंत्री छत्रपाल गंगवार को जिम्मेदारी सौंपी है। जिसके तहत राजस्व राज्यमंत्री तीनों विधानसभा क्षेत्रों के गांवों में कई दिन तक दौरा कर स्वजातीय मतदाताओं के बीच चौपाल के जरिये सरकार की उपलब्धियों का बखान कर चुके हैं। इसी तरह सदर क्षेत्र से भाजपा विधायक संजय सिंह गंगवार को बरेली जनपद की बहेड़ी, मीरगंज तथा भोजीपुरा और शाहजहांपुर जिले की तिलहर एवं पुवायां विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भोजीपुरा क्षेत्र में लगभग 60 हजार, मीरगंज क्षेत्र में करीब 60 हजार तथा बहेड़ी विधानसभा क्षेत्र में लगभग 85 हजार कुर्मी मतदाता हैं। वहीं शाहजहांपुर जनपद की तिलहर विधानसभा क्षेत्र में 25 से 28 हजार तथा पुवायां विधानसभा क्षेत्र में 35 से 40 हजार कुर्मी मतदाता हैं।

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विधानसभा क्षेत्र कुल कुर्मी मतदाता

पीलीभीत सदर लगभग 70 हजार

बीसलपुर लगभग 80 हजार

बरखेड़ा लगभग 30 हजार

भोजीपुरा लगभग 60 हजार

मीरगंज लगभग 60 हजार

बहेड़ी लगभग 85 हजार

तिलहर लगभग 28 हजार

पुवायां लगभग 35 हजार

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-- -वर्जन -- -

पार्टी संगठन की ओर से बरेली जनपद के तीन विधानसभा क्षेत्रों तथा शाहजहांपुर की दो विधानसभा क्षेत्र में भाजपा सरकार की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार करने तथा लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका त्वरित गति से निराकरण कराने की जिम्मेदारी दी गई है। - संजय सिंह गंगवार, सदर विधायक

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