Bird Flu Effect : बरेली में दहशत से गिरा मीट का बाजार, आधी हुई अंडे की खपत, जानिए कितने फीसद घटा कारोबार
Bird Flu Effect कोरोना संक्रमण के बाद मीट कारोबार पूरी तरह उबर भी नहीं पाया था कि बर्ड फ्लू ने जिले के कारोबारियों को फिर मुश्किल में डाल दिया है। चिकन खाने के शौकीन लोगों में बीस फीसद तक की गिरावट आई है।
बरेली, जेएनएन। Bird Flu Effect : कोरोना संक्रमण के बाद मीट कारोबार पूरी तरह उबर भी नहीं पाया था कि बर्ड फ्लू ने जिले के कारोबारियों को फिर मुश्किल में डाल दिया है। चिकन खाने के शौकीन लोगों में बीस फीसद तक की गिरावट आई है। ऐसा ही कुछ हाल अंडे का है। बीते चार दिनों से अंडे की बिक्री लगातार गिरती जा रही है। बीते दो दिनों में तो अंडे की खपत आधी हो गई है। अब दूसरे प्रदेशों से आने वाले अंडे की सप्लाई पर भी रोक लगा दी गई है। जिससे अंडा कारोबारी चिंतित हैं।
जिले में बर्ड फ्लू ने अभी दस्तक नहीं दी है, इसलिए बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। लेकिन ऐसा भी नहीं कि एहतियात न बरती जाए। इसी एहतियात का ही नतीजा है कि जिले में अंडे, मीट चिकन का कारोबार प्रभावित होने लगा है। शहर के श्यामगंज में अंडे के थोक बाजार में पहले की तरह ग्राहक नहीं पहुंच रहे हैं। दुकानदार बताते हैं कि कई ऐसे लोग थे जो सीधे क्रेट लेने यहीं आते थे, वह लोग अब नहीं आ रहे हैं। व्यापारी ने बताया कि हर रोज 500 से 700 क्रेट बिक जाती थी।
अब मुश्किल से 300 से 350 क्रेट बमुश्किल निकल रही हैं। यहीं खड़े एक सेल्समैन के मुताबिक रेहड़ी और ठेलों वालों ने भी मांग कम कर दी है। वह लोग भी चार क्रेट की जगह अब एक से ज्यादा नहीं बेंच पा रहे हैं। इसी तरह जिले मीट कारेाबारी भी बर्ड फ्लू को लेकर परेशान है। पहले जो 10 से 15 क्विंटल चिकन बिक रहा था वह अब तक सात से आठ क्विंटल पर आ गया है। यह हाल तब है जब मुर्गा 180 रुपये किलो से घटाकर 160 रुपये कर दिया है। हालांकि कुछ व्यापारी बर्ड फ्लू का असर नहीं बता रहे हैं।
मटन और मछली की मांग बढ़ी
जिले में बर्ड फ्लू के असर को देखते हुए मटन और मछली की मांग बढ़ गई है। शहर के बांस मंडी स्थित मटन चिकन बाजार में मछली और मटन को खरीदने वालों की संख्या ज्यादा थी। बताते हैं कि पहले चिकन की मांग ज्यादा रहती थी। लेकिन अब बर्ड फ्लू के चलते चिकन और अंडे की मांग घट गई है, इसके चलते ही मटन और मछली के खरीदार बढ़ गए हैं।
अंडा व्यापारियों की बात- बर्ड फ्लू का असर तो दिख रहा है। इसके चलते ही अंडे की बिक्री में फर्क दिखाई देने लगा है। अब कम लोग खरीदने पहुंच रहे हैँ। - मसरूर खान, थोक व्यापारी
अंडे के दाम भी कम हो गए हैं। खरीदारों की कमी का फर्क यह है कि अब खपत आधी हो गई है। थोक और फुटकर दोनों व्यापारी परेशान हैं। - रामकिशन
पहले जहां दिन भर में तीस से चालीस क्रेट बिकती थीं, लेकिन अब इसमें काफी अंतर आ गया है। रेहड़ी वालों की भी बिक्री घटी है। - पवन, सेल्समैन