Bilal Love Jihad Case Update : इंटेलीजेंस की नींद उड़ाने वाली छात्रा नहीं पहुंची कोर्ट, पिता बोले- जल्द पेश करेंगे शपथ पत्र
Bilal Love Jihad Case Update एसडीएम कोर्ट में बिलाल के साथ कोर्ट मैरिज की अर्जी लगाने वाली छात्रा सोमवार को पेश नहीं हुई। छात्र के पिता ने दैनिक जागरण से हुई बातचीत में कहा कि शादी की अर्जी किसने लगाई ये नहीं कह सकते।
बरेली, जेएनएन। Bilal Love Jihad Case Update : एसडीएम कोर्ट में बिलाल के साथ कोर्ट मैरिज की अर्जी लगाने वाली छात्राा सोमवार को पेश नहीं हुई। छात्र के पिता ने दैनिक जागरण से हुई बातचीत में कहा कि शादी की अर्जी किसने लगाई, ये नहीं कह सकते। अर्जी निरस्त कराने का शपथपत्र उनके वकील ने तैयार कर लिया है। सोमवार को निजी कारणों से वह एसडीएम सदर की कोर्ट में पेश नहीं हुए। जल्द वह कोर्ट में पेश होकर अर्जी निरस्त कराने का शपथपत्र देंगे। सोमवार को छात्र के एसडीएम कोर्ट में पेश होने की सुगबुगाहट के बीच परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता रखी गई थी।
रविवार को छात्रा ने एसडीएम विशु राजा से फोन पर बात की थी। बकौल एसडीएम फोन पर हुई बातचीत दस्तावेजी प्रमाण नहीं होती। इसलिए शादी की अर्जी को निरस्त करने के लिए छात्र के शपथपत्र मिलने तक इंतजार करना होगा। लव जिहाद के इस मामले की शुरुआत 17 अक्टूबर को हुई थी। किला के पंजाबपुरा की रहने वाली छात्र को दूसरे संप्रदाय का युवक बिलाल घोसी अपने साथ ले गया था।
छात्रा के तीन दिन तक बरामद नहीं होने पर हिंदूवादी संगठनों व भाजपा कार्यकर्ताओं ने किला थाने में हंगामा किया था। 24 अक्टूबर को बिलाल घोसी व छात्र को राजस्थान के अजमेर शरीफ इलाके से बरामद किया गया था। छात्र के पिता ने बिलाल घोषी व अन्य पर बेटी के अपहरण मुकदमा लिखाया था।
कोर्ट में छात्र ने बयान दिया था कि बिलाल के साथ वह अपनी मर्जी से गई थी। विवेचक ने जांच पूरी करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल कर दी थी। बीते दिनों ही बिलाल जमानत पर छूटा है। इसके बाद अचानक पूरे मामले में नया मोड़ आ गया। एसडीएम सदर कोर्ट में बिलाल घोसी और छात्र की शादी की अर्जी लगी। इसके बाद कोर्ट में एक आवेदन शादी की अर्जी को निरस्त करने के लिए भी पहुंच गया।
छात्र ने हमसे सोमवार को संपर्क नहीं किया है। शादी की अर्जी को निरस्त कराने का शपथपत्र देने के लिए उसे कोर्ट आना होगा। फोन पर की गई बात दस्तावेजी साक्ष्य नहीं होती है।- विशु राजा, एसडीएम सदर