Big crash on Hulasangra railway crossing : रुकने के लिए दी गई आवाज को मान लेता तो बच जाती सदाकत की जान
Big crash on Hulasangra railway crossing साडू ने बताया कि सदाकत की मोटरसाइकिल आगे चल रही थी। हमने उसे आवाज लगाई की ट्रेन आ रही है लेकिन उसने सुना नहीं और इतने में ही मेरी आंखों के सामने ही उसका पूरा परिवार मौत के मुंह में समा गया।
बरेली, जेएनएन।Big crash on Hulasangra railway crossing : हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग पर हुए हादसे में जो बाइक सवार तीन लोगों की मौत हुई उसमें सदाकत निवासी तिलहर उसकी पत्नी व उसका एक वर्षीय बेटा हमाद उसके साथ था। उसके पीछे उसके साडू भी मोटरसाइकिल से आ रहे थे। साडू ने बताया कि सदाकत की मोटरसाइकिल आगे चल रही थी। हमने उसे आवाज लगाई की ट्रेन आ रही है लेकिन उसने सुना नहीं और इतने में ही मेरी आंखों के सामने ही उसका पूरा परिवार मौत के मुंह में समा गया।
सदाकत के चाचा ने बताया कि सदाकत व उसके साडू सुबह 5:00 बजे घर से फरीदपुर अपने बहनोई के तीजे में जाने के लिए निकले थे। उसके बहनोई की तीन दिन पहले बीमारी से मृत्यु हो गई थी जिसका गुरुवार को फरीदपुर में तीजा था। वहां जाने के लिए यह दोनों लोग मोटरसाइकिल से निकले थे।
लाश से लिपट लिपट कर रोई बहन
जिस बहन के सामने उसकी बहन का पूरा परिवार एक ही झटके में समाप्त हो गया उस बहन के ऊपर क्या गुजरी होगी। वह चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी कि हमने अपनी बहन को आवाज दी लेकिन बहन सुन नहीं सकी। सदाकत की साली तीनों शवों से लिपट लिपट कर रो रही थी।
शौच को जा रहे प्रेमपाल भी आए ट्रेन की चपेट में
हुलासनगरा ग्राम निवासी प्रेमपाल उम्र लगभग 60 वर्ष सुबह शौच के लिए जा रहे थे। उन्होंने यह देख कर क्रॉसिंग पार की कि फाटक खुला हुआ है। कोई ट्रेन नहीं आ रही, लेकिन इतनी ही देर में लखनऊ चंडीगढ़ एक्सप्रेस ट्रैक पर ट्रक से भिड़ते हुए फाटक से आगे निकली। तभी प्रेमपाल उस ट्रेन की चपेट में आ गए और करीब 10 फीट दूर जाकर गिरे। पहले तो आसपास के ग्रामीणों को लगा कि किसी ट्रक का ड्राइवर वहां पड़ा हुआ है लेकिन जब जीआरपी ने शव को सीधा किया तो गांव वालों में कोहराम मच गया। गांव वालों ने तुरंत प्रेमपाल के परिजनों को सूचना दी।