बरेली में बीडीए तैयार कर रहा जमीन कब्जाने वाले भू माफिया की कुंडली, शासन ने मांगी रिपोर्ट

BDA is Preparing Horoscope of Land Mafia in Bareilly आम आदमी तो क्या बिल्डर बने कई भूमाफियाओं ने बरेली विकास प्राधिकरण की जमीन को भी नहीं छोड़ा है। ऐसा ही मामला रामगंगा नगर आवासीय योजना में सामने आ रहा है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 12:50 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 12:50 PM (IST)
बरेली में बीडीए तैयार कर रहा जमीन कब्जाने वाले भू माफिया की कुंडली, शासन ने मांगी रिपोर्ट
बरेली में बीडीए तैयार कर रहा जमीन कब्जाने वाले भू माफिया की कुंडली, शासन ने मांगी रिपोर्ट

बरेली, जेएनएन। BDA is Preparing Horoscope of Land Mafia in Bareilly : आम आदमी तो क्या बिल्डर बने कई भूमाफियाओं ने बरेली विकास प्राधिकरण की जमीन को भी नहीं छोड़ा है। ऐसा ही मामला रामगंगा नगर आवासीय योजना में सामने आ रहा है। यहां बीडीए की अधिग्रहित जमीन में से कई हेक्टेयर हिस्सा भूमाफियाओं ने अवैध ढंग से बैनामा कराकर बेच दिया। आवासीय योजना पर विकास कार्य शुरू हुआ तो एक-एक कर कई परतें खुल रही हैं। बीडीए अब ऐसे भूमाफियाओं की कुंडली तैयार कर रहा है।

वर्ष 2004 में जमीन अधिग्रहण की हुई शुरुआत 

बरेली विकास प्राधिकरण वर्ष 2003 में रामगंगा नगर आवासीय योजना लेकर आया था। वर्ष 2004 में आवासीय योजना के लिए भूमि अधिग्रहित करने की शुरुआत की। गांव चंदपुर, बिचपुरी, मोहनपुर उर्फ रामनगर, डोहरिया व अहिरोला में 269.965 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई। करीब एक दर्जन सेक्टर वाली इस योजना में बीडीए ने कई लोगों को प्लाट और कुछ लोगों को घर भी आवंटित किए।

कई साल जमीन खाली रहने का उठाया फायदा 

रामगंगा नगर आवासीय योजना बीच में केवल कागजों में रही। कई साल जमीन खाली पड़ी रही। बीडीए लोगों को भूखंड उपलब्ध कराना तो दूर योजना का विकास भी नहीं करा सका। बीते करीब आठ महीने में विकास कार्य शुरू हुए। आवास, कार्यालय, चौड़ी सड़क, बड़े पार्क, लाइटें लगनी लगीं तो बिल्डरों की नजर इस जमीन पर पड़ गई। बिल्डरों ने विपक्षी नेताओं को साथ लेकर जमीन पर कब्जा करना शुरू कर दिया। आसपास भी जमीनें खरीद लीं।

कुछ दिन पहले एक कालोनी का गेट किया था बंद 

बीते दिनों बीडीए ने ऐसी ही एक कालोनी का मुख्य मार्ग बंद किया था जो प्राधिकरण की सीवर लाइन, बिजली खंभे, मुख्य सड़क का इस्तेमाल कर रहा था। उसने बीडीए की जमीन भी बेचनी शुरू कर दी थी। इसके बाद बिल्डर ने जिन्हें जमीन बेची थी, उन्हें किसान बताकर अधिकारियों के सामने खड़ा कर दिया। बीडीए सचिव योगेंद्र कुमार का कहना है कि कुछ लोगों ने बैनामा दिखाया है। हालांकि बैनामा किसी भी संपत्ति का हो सकता है। रजिस्ट्री कार्यालय को स्टांप शुल्क से मतलब होता है। जो लोग बैनामा दिखा रहे हैं, उन्हें नहीं मालूम कि वह जमीन बीडीए ने वर्ष 2004 में ही अधिग्रहित कर ली थी।

शासन ने मांगी है रिपोर्ट 

रामगंगा आवासीय योजना के विकसित होते है वहां जमीन के तमाम मालिक खड़े हो गए हैं। ऐसे लोगों का कब्जा प्राधिकरण हटा रहा है। इसका विरोध लोग कर रहे हैं। बीडीए उनकी कुंडली तैयार कर रहा है। जमीन की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई जा रही है। शासन ने ऐसे लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। मामले की रिपोर्ट शासन को भी भेजी जा रही है।

किसान बनकर या किराए पर लोग भेजकर कर रहे विरोध

बिल्डरों के साथ मिलकर तमाम लोगों ने बीडीए का विरोध शुरू कर दिया है। चूंकि किसानों का मुद्दा इस वक्त गर्माया हुआ है, इस कारण सभी लोग खुद को किसान बताकर बीडीए का विरोध कर रहे हैं। यह बात खुद बीडीए उपाध्यक्ष भी कह चुके हैं। ऐसा ही बताकर उन्होंने एक दिन पहले ही हाईवे जाम किया था।

बीडीए ने वर्ष 2004 में रामगंगा नगर आवासीय योजना शुरू की। पूरी जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। वहां कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। कब्जे हटाने पर वे विरोध कर रहे हैं। सभी को चिह्नित कर शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। - जोगिंदर सिंह, उपाध्यक्ष, बरेली विकास प्राधिकरण

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