Basmati Export : एपीडा के प्रधान वैज्ञानिक बोले- चावल उत्पादन में चीन लेकिन बासमती के निर्यात में विश्व में बज रहा भारत का डंका

Basmati Export भारत की माटी की सोंधी महक किसान की मेहनत के आगे विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या व भौगोलिक क्षेत्र वाला चीन भी नतमस्तक है। जानकर खुशी होगी किसानों के बूते भारत सुगंधित चावल बासमती निर्यात में विश्व में प्रथम स्थान पर है

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 03:20 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 03:20 PM (IST)
Basmati Export : एपीडा के प्रधान वैज्ञानिक बोले- चावल उत्पादन में चीन लेकिन बासमती के निर्यात में विश्व में बज रहा भारत का डंका
Basmati Export : एपीडा के प्रधान वैज्ञानिक बोले- चावल उत्पादन में चीन

बरेली, नरेंद्र यादव। Basmati Export : भारत की माटी की सोंधी महक, किसान की मेहनत के आगे विश्व में सर्वाधिक जनसंख्या व भौगोलिक क्षेत्र वाला चीन भी नतमस्तक है। जानकर खुशी होगी किसानों के बूते भारत सुगंधित चावल बासमती निर्यात में विश्व में प्रथम स्थान पर है, जबकि चावल उत्पादन में चीन। खासकर बात यह है कि भारत में पैदा होने वाली बासमती का चीन भी मुरीद है। चीन बड़ी मात्रा में बासमती चावल का भारत से आयात करता है।

एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी एपीडा) के बासमती एक्सपोर्ट डेवलपमेंट फाउंडेशन प्रभारी व प्रधान वैज्ञानिक डा. रितेश शर्मा ने जागरण से बातचीत में यह जानकारी दी। यहां बासमती उत्पादन प्रोत्साहन के लिए आए विशेषज्ञ डा. रितेश शर्मा ने बताया कि गत वर्ष भारत ने 46.3 लाख टन बासमती का निर्यात कर 30 हजार करोड़ की विदेशी मुद्रा प्राप्त की। जब कोविड संक्रमण काल में विश्व परेशान था, देश के किसानों ने रिकार्ड चावल उत्पादन कर पूरी दुनिया को भोजन उपलब्ध कराया।

जैविक खेती से दूनी आय प्राप्त कर सकते किसान

एपीडा विज्ञानी डा. रितेश शर्मा ने कहा कि जैविक खेती से देश के किसान बासमती उत्पादन से दूनी आय प्राप्त कर सकते है। रसायनों के प्रयोग की वजह से विश्व बाजार में भारतीय बासमती चावल कई बार फेल कर दिया जाता है। यदि किसान जैविक खेती शुरू कर दें तो अच्छी कीमत के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बासमती की खपत बढ़ेगी। इससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा।

155 देशों को निर्यात किया जाता बासमती चावल

एपीडा विज्ञानी डा. रितेश शर्मा ने बताया कि भारत से 155 देशों में बासमती चावल का निर्यात किया जाता है। दरअसल बासमती उत्पादन में भारत दुनिया में नंबर वन पर है, जबकि चावल उत्पादन में चीन के बाद दूसरा स्थान है।

दुनिया में भारत के 95 व पाकिस्तान के 13 जिलों में होता बासमती उत्पादन

एपीड़ा विज्ञानी डा. रितेश शर्मा ने बताया कि बासमती पूरी दुनिया में केवल भारत के पास है। 13 जिले पाकिस्तान के भी आते हे। जबकि भारत 95 जिलों में उत्पादन होता है। इनमें 30 जिले उत्तर प्रदेश के है। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली और जम्मू में भी बासमती धान की खेती होती है।

बासमती का हब है रुहेलखंड, गुणवत्ता सुधार की जरूरत

एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी के प्रधान वैज्ञानिक डा. रितेश शर्मा ने बताया कि बासमती उत्पादन में भारत पर हर कोई विश्वास करता है। भारत के पास पूरी दुनिया बाजार के रूप में है। शाहजहांपुर समेत रुहेलखंड के किसान यदि पेस्टिसाइड का प्रयोग छोड़ जैविक खेती करें तो चावल उत्पादन के साथ एक्सपोर्ट में भी रुहेलखंड प्रथम स्थान पर होगा। बताया कि सहारनपुर से लेकर शाहजहांपुर के बीच का क्षेत्र बासमती हब के रूप में विकसित हुआ है। पीलीभीत, बरेली, बदायूं, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, हापुड़, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, आगरा, एटा, कासगंज, इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, बिजनौर, मुरादाबाद आदि जिलों की किसानों के बाल पर बासमती को निर्यात से विदेशी मुद्रा प्राप्त की जा रही है। बताया शाहजहांपुर में सुखबीर एग्रो बासमती का प्रमुख निर्यातक है।

सामान्य धान से ड्योढी आय की एपीडा की गारंटी

एपीडा विज्ञानी ने कहा कि सामान्य धान से किसान जितना कमाते हैं, जैविक बासमती उत्पादन पर एपीडा ड्योढा लाभ दिलाएगा। किसानों को खुले बाजार में भी बिक्री की छूट होगी। बताया कि बासमती में रसायनों का अंश खत्म करके किसान मृदा की सेहत के सुधार कर दूनी आय प्राप्त कर सकते है। इससे अन्य सभी फसलों की कीमत सामान्य से अधिक मिलेगी।

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