बांस और बेत के साथ अब दरी और कालीन भी होगी बरेली की पहचान Bareilly News
बरेली और शाहजहांपुर कॉमन फैसेलिटी सेंटर (सीएफसी) खुलवाने का एलान किया। इससे यहां राइस मिलों के उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी।
जेएनएन, बरेली : धान के लिए प्रसिद्ध अपने मंडल को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने रविवार को यहां समीक्षा बैठक के दौरान सौगात भी दी। बरेली और शाहजहांपुर कॉमन फैसेलिटी सेंटर (सीएफसी) खुलवाने का एलान किया। इससे यहां राइस मिलों के उत्पादों को बेहतर बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। वहीं पीलीभीत में एक जिला-एक उत्पाद योजना से बांसुरी उद्योग हटेगा। कालीन और दरी को शामिल किया जाएगा। मंत्री ने इसकी घोषणा की।
ओडीओपी में शामिल होगी दरी व कालीन : मंत्री को बैठक में पता चला कि पीलीभीत का उत्पाद बांसुरी है तो वह हैरान रह गए। पूछा कि आज के समय में बांसुरी कौन खरीदता है? एक साल का कारोबार पूछा तो अफसर बगले झांकने लगे। मंत्री ने सलाहकार कंपनियों को भी निशाने पर लिया। कहा, बैठे-बैठे उत्पाद का चयन कर लिया। उसे हटाने के निर्देश दिए। अफसरों ने बताया कि पीलीभीत में करीब पांच हजार परिवार दरी, कालीन का काम करते हैं। इस पर इसी को ओडीओपी में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए।
चमकेगा बरेली का बांस व बेंत का कारोबार : उपायुक्त उद्योग ऋषि रंजन गोयल ने बरेली के लिए हथकरघा के तहत बरेली के बांस व बेंत का प्रस्ताव दिया। मंत्री ने इसके उद्योग लगाने और इसे बढ़ावा देने की बात कही। इसी तरह पूरे जोन के लिए दरी का प्रस्ताव बनाया गया है।