बरेली में टेक्सटाइल पार्क को मिली सैद्धांतिक मंजूरी, लीज पर ही एसपीवी के तहत मिलेगी जमीन
बरेली टेक्सटाइल पार्क को सैंद्धातिक मंजूरी मिलने के बाद पांच हजार से ज्यादा लोगों के रोजगार का रास्ता साफ हो गया है। इसी हफ्ते उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रबंधन और स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के तहत गठित टेक्सटाइल पार्क प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों की बैठक होगी।
बरेली, जेएनएन। बरेली टेक्सटाइल पार्क को सैंद्धातिक मंजूरी मिलने के बाद पांच हजार से ज्यादा लोगों के रोजगार का रास्ता साफ हो गया है। इसी हफ्ते उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रबंधन और स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) के तहत गठित टेक्सटाइल पार्क प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों की बैठक होगी। इसमें पार्क के विकास और अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। इस पार्क के निर्माण के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय मदद मिलेगी।
वस्त्र मंत्रालय टेक्सटाइल पार्क के लिए स्पेशल परपज व्हीकल के तहत गठित कंपनियों को वित्तीय मदद दे रहा है। इसी कड़ी में हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग ने बरेली और फर्रुखाबाद में पार्क की स्थापना का प्रस्ताव भेजा था, जिसे सैद्धांतिक सहमति मिल गई थी। इस कड़ी में रहपुरा जागीर गांव में प्रस्तावित टेक्सटाइल पार्क के निवेशकों की बैठक होनी है। पार्क बनने के बाद पांच हजार से ज्यादा लोगों की रोजगार की उम्मीदें बंधेगी।
सरकार की ओर से निवेशकों को सब्सिडी, सस्ता लोन, जीएसटी छूट, ईएसआइ संबंधी सुविधाएं भी दी जाएंगी। इसके अतिरिक्त यूपीसीडा ने कंपनी के लिए फर्रुखाबाद में 34.11 एकड़ भूमि का पुनग्रहण कराया। इसके लिए राजस्व विभाग को जरूरी शुल्क दिए गए, लेकिन बाद में कंपनी के निदेशकों ने भूमि को फ्री होल्ड करने की मांग की। तब से यह मामला अटका था। अब इस पर सहमति बन गई है। उद्यमी तैयार हो गए हैं। ऐसे में जल्द ही वे प्राधिकरण को भूमि की कीमत तय शर्तों के अनुसार अदा करेंगे और फिर उनके नाम यह भूमि की जाएगी।
कंपनी जिन उद्यमियों को औद्योगिक इकाई लगाने के लिए भूमि देगी उनसे कंपनी के साथ ही प्राधिकरण का भी अनुबंध होगा। पहले उद्यमी त्रिपक्षीय लीज डीड पर भी सवाल खड़ा कर रहे थे, लेकिन अब वे मान गए हैं। कंपनी के एमडी रोहित गोयल का कहना है कि प्राधिकरण मुख्यालय में होने वाली बैठक में ही यह तय होगा कि लीज डीड को कैसे निष्पादित किया जाएगा। बार-बार उद्यमियों को लीज कराने के लिए भटकना तो नहीं पड़ेगा। इसके लिए प्रक्रिया आसान बनाने पर बात होगी।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग के संयुक्त आयुक्त केपी शर्मा ने बताया कि पार्क की स्थापना के लिए वित्तीय मदद को अब दोबारा वस्त्र मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जाएगा। एक बार मंजूरी मिल चुकी है, इसलिए दोबारा मंजूरी मिलने में कोई बाधा नहीं आएगी। उद्यमियों और प्राधिकरण के सीईओ के साथ बैठक कराएंगे, जिससेजरूरी प्रक्रिया पूरी हो सके।