Bareilly Sitapur Highway : हाईवे के हालात पर झूठ का पर्दा, अभी दस माह का काम बाकी

Bareilly Sitapur Highway सीतापुर हाईवे का निर्माण अगले साल 2022 में भी पूरा होने के आसार नहीं लग रहे हैं। निर्माण कार्य की लागत में आए वेरिएशन के कारण काम लटक गया है। इससे काम की गति तो थमी है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:27 AM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:27 AM (IST)
Bareilly Sitapur Highway : हाईवे के हालात पर झूठ का पर्दा, अभी दस माह का काम बाकी
Bareilly Sitapur Highway : हाईवे के हालात पर झूठ का पर्दा, अभी दस माह का काम बाकी

बरेली, जेएनएन। Bareilly Sitapur Highway : सीतापुर हाईवे का निर्माण अगले साल 2022 में भी पूरा होने के आसार नहीं लग रहे हैं। निर्माण कार्य की लागत में आए वेरिएशन के कारण काम लटक गया है। इससे काम की गति तो थमी है, साथ ही देरी होने के कारण बचा हुआ काम और खराब होने की आशंका है। बावजूद इसके एनएचएआइ के अधिकारी वेरिएशन के प्रस्ताव को मंजूर कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।

वर्ष 2010 में 157 किलोमीटर लंबे बरेली-सीतापुर राजमार्ग को फोरलेन करने की स्वीकृति शासन से मिली थी। करीब 2200 करोड़ रुपये का यह काम पब्लिक, प्राइवेट, पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में किया जाना था। कारदायी संस्था एरा अधूरा काम छोड़कर फरार हो गई। पूरे प्रोजेक्ट में शुरुआत से ही एनएचएआइ के अधिकारियों की ढिलाई रही। पहले एरा कंपनी के बीच में फरार होने के बाद उसे दोबारा मौका दिया गया।

कंपनी कार्य की प्रगति अधिक दिखाती गई और अधिकारी बिना भौतिक सत्यापन उसका अनुमोदन करते रहे। इस कारण एरा कंपनी को करीब 1400 करोड़ का भुगातन हो गया। इसके बाद एनएचएआइ ने बचे हुए हिस्से का करीब 767 करोड़ का टेंडर निकाला। अक्टूबर 2019 में एनएचएआइ ने आगरा की राज कार्पोरेशन कंपनी को दो अन्य कंपनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर (जेवी) में टेंडर किया। अधिकारियों ने यहां भी खेल किया।

बचे हुए काम के सर्वे को कंसल्टेंट कंपनी आइसीटी ने नवंबर 2020 में 1150 करोड़ रुपये लागत की रिपोर्ट दी, लेकिन अधिकारियों ने कंपनी की डीपीआर पर ध्यान नहीं दिया। जेवी कंपनी ने काम शुरू किया तो आइटम कम पड़ने लगा। इस पर कंपनी ने वेरिएशन का प्रस्ताव दिसंबर 2020 में दे दिया। इसके बाद गुणवत्ता नियंत्रक थीम इंजीनियर सर्विस कंपनी ने जून 2021 में 1126 करोड़ की डीपीआर दी। इसमें करीब 429 करोड़ रुपये का वेरिएशन निकला। अब अधिकारी इसकी अप्रूवल नहीं दे रहे हैं। इस कारण निर्माण कार्य अटका हुआ है।

करीब दस माह का बचा है निर्माण

बरेली-सीतापुर रोड का जेवी कंपनी ने अब तक मात्र 37 फीसद ही काम किया है। उन्हें काम पूरा करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय दिया गया था। कोरोना के कारण उसे बढ़ाकर दिसंबर 2021 कर दिया गया, लेकिन वेरिएशन मंजूर नहीं होने के कारण निर्माण 2022 में भी पूरा होने के आसार नहीं है। दरअसल, मौके पर निर्माण करीब दस माह का बचा हुआ है। अगर इधर तीन महीने में वेरिएशन पास हो जाता है तो कंपनी कार्य तेज कर देगी। फिर बरसात के तीन महीने बीतने के बाद दिसंबर तक ही कार्य पूर्णता की ओर पहुंचने की उम्मीद है।

मैंने पहले भी बरेली-सीतापुर हाईवे के अधूरे निर्माणों को लेकर केंद्र में बातचीत की। मैं एक बार फिर सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी से मुलाकात करूंगा। इतनी बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही इस हाईवे से होती है। फिर भी लापरवाही जारी है। एनएचएआइ के किस अधिकारी की तरफ से लापरवाही हुई है। उसकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। - संतोष गंगवार, सांसद बरेली

दिल्ली में 25 सितंबर से एस्टीमेट कमेटी की बैठक शुरू हो रही है। बरेली-सीतापुर हाईवे का ये मुद्दा मैं एस्टीमेट कमेटी की बैठक में रखा जाएगा। एनएचएआइ और ठेका कंपनी की लापरवाही तय की जाएगी। लोगों को हाईवे की सुविधा समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए केंद्र तक हमारी मजबूत पैरवी होगी। - धर्मेंद्र कश्यप, सांसद आंवला

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