Bareilly Post Covid Treatment News : बरेली के 300 हाॅस्पिटल और जिला अस्पताल में शुरु हाेगा इलाज, नर्सिंग हाेम से मांगी ये रिपोर्ट
Bareilly Post Covid Treatment News एसडीएम प्रशांत कुमार...कोविड निगेटिव आने के बाद उनकी हालत बिगड़ी। उन्हें एसआरएमएस भर्ती कराया गया। यहां भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो हायर सेंटर रेफर करने की तैयारी हुई। लेकिन एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Post Covid Treatment News : एसडीएम प्रशांत कुमार...कोविड निगेटिव आने के बाद उनकी हालत बिगड़ी। उन्हें एसआरएमएस भर्ती कराया गया। यहां भी हालत में सुधार नहीं हुआ तो हायर सेंटर रेफर करने की तैयारी हुई। लेकिन एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाते समय हृदयगति रुकने से उकी मौत हो गई। संभवतः जिले में पोस्ट कोविड इफेक्ट का यह पहला मामला था। इसके बाद अब एक-एक कर ब्लैक फंगस के केस भी सामने आ रहे हैं। इसमें भी कई पोस्ट कोविड केस बताए जा रहे हैं।
कोरोना संक्रमितों में ब्लैक फंगस और हार्ट अटैक से मौत के मामलों पर लगाम लगाने के लिए पोस्ट कोविड मरीजों के उपचार की तैयारी है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में जिला अस्पताल और फिर 300 बेड कोविड अस्पताल में पोस्ट कोविड वार्ड बनेगा। जहां संक्रमण से मुक्त होने के बावजूद परेशानी से जूझ रहे मरीजों का इलाज होगा।
निजी अस्पताल रिपोर्ट देने के साथ बनाएंगे अलग वार्ड
स्वास्थ्य विभाग ने अपने स्तर पर व्यवस्था करने के साथ ही निजी अस्पतालों में भी पोस्ट कोविड के केस जैसे ब्लैक फंगस आदि की सूचना देने को कहा है। वहीं, निजी अस्पतालों से ऐसे मरीजों के लिए अलग वार्ड बनाकर सीमित शुल्क में उपचार करने को कहा है। वहीं, कुछ बड़े निजी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं कर पोस्ट कोविड वार्ड शुरू किए जा चुके हैं।
दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर रहा वायरस
कोरोना निगेटिव आ चुके कई मरीज अब पोस्ट कोविड सिन्ड्रोम में संक्रमण से शरीर पर पड़ने वाले असर का सामना कर रहे हैं। फेफड़ों के अलावा किडनी, लिवर, हृदय और रक्त वाहिकाओं पर इनका असर देखा गया है। कुछ मरीजों की नसें सुन्न हो चुकीं। वहीं अवसाद, भूलने की बीमारी जैसे लक्षण भी देखे गए हैं। मतलब साफ है कि कोरोना वायरस मस्तिष्क एवं तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर रहा है।
दिमाग में नहीं पहुंचती पर्याप्त ऑक्सीजन
कोविड संक्रमितों में ऑक्सीजन की कमी के काफी मामले सामने आ चुके हैं। कुछ मरीजों के मस्तिष्क पर पड़े दुष्प्रभाव को हाईपोक्सिक ब्रेन इंजरी कहा जाता है। इसमें सिरदर्द, लकवा व मिर्गी होने की संभावना बढ़ जाती है। कमजोरी और थकावट के साथ सूंघने की क्षमता का कम हो जाती है। शरीर का कोई अंग सुन्न भी पड़ सकता है। ऐसे मरीजों की रिकवरी में काफी दिक्कत आती है। यानी, कोरोना नेगेटिव होने के बाद भी कई दिनों तक तबीयत ठीक नहीं होती।
जिला अस्पताल और 300 बेड कोविड अस्पताल में पोस्ट कोविड वार्ड शुरू करने की तैयारी है। निजी अस्पतालों से भी पोस्ट कोविड केस की रिपोर्ट मंगाई जा रही है। - डॉ.एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बरेली