बरेली से कानपुर तक दौड, फिर भी तीन माह में शराब कारोबारी की लोकेशन तक नहीं ढूंढ पाई पुलिस
शराब कारोबारी मनोज जायसवाल को बारादरी पुलिस का पूरा संरक्षण मिला। अंदाजा लगा सकते हैं कि सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी से भेजी गई एक ट्रक शराब बरेली के बारादरी क्षेत्र में 24 मार्च को पकड़ी गई थी। पुलिस ने चालक को ट्रक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था।
बरेली, जेएनएन। शराब कारोबारी मनोज जायसवाल को बारादरी पुलिस का पूरा संरक्षण मिला। अंदाजा लगा सकते हैं कि सहारनपुर की टपरी डिस्टलरी से भेजी गई एक ट्रक शराब बरेली के बारादरी क्षेत्र में 24 मार्च को पकड़ी गई थी। एसओजी टीम व बारादरी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में चालक को ट्रक के साथ गिरफ्तार कर लिया गया था, क्लीनर फरार गया था। बाद में क्लीनर की भी गिरफ्तारी हुई। चालक ने पूछताछ में शराब कारोबारी मनोज जायसवाल की शराब होने की बात कबूली। विवेचना में उसका नाम भी शामिल किया गया। बावजूद अब तक वह पुलिस की पहुंच से दूर है।
विवेचना में सामने आया कि मनोज जायसवाल द्वारा शबनम अंगूरी ब्रांड की जो शराब बरेली मंगाई गई। वह शराब कानपुर नगर व अन्य क्षेत्र की दुकानों में ही बिकने के लिए अधिकृत थी। यह भी सामने आया कि चार मार्च को सहारनपुर की जिस टपरी डिस्टलरी को करोड़ों की टैक्स व एक्साइज ड्यूटी की चोरी में सीज किया गया था, उसी डिस्टलरी से शराब 24 मार्च को बकायदा कानपुर के पते पर निकली थी और बरेली पहुंची थी। पकड़ी गई 1415 पेटी का कानपुर कनेक्शन तलाशने के लिए बारादरी पुलिस की एक टीम कानपुर तक पहुंची।
पता चला कि शराब कारोबारी मनोज जायसवाल के साथ उसके रिश्तेदार अजय जायसवाल का कानपुर में भी शराब का बड़ा काम है। कड़ी दर कड़ी जोड़ने के बाद साफ हो गया कि शराब कारोबारी मनोज जायसवाल द्वारा अवैध रूप से शराब खपाने के लिए बरेली लाई गई थी। इसके बाद विवेचना में मनोज जायसवाल का नाम शामिल कर लिया गया। दावा किया गया कि मनोज की गिरपतारी के लिए बारादरी पुलिस दबिश दे रही हैं लेकिन, मार्च से मई बीत गया। मनोज की तलाश तो दूर पुलिस उसकी लोकेशन तक नहीं ढूंढ पाईं। इधर, अब पूरे प्रकरण की जांच एसआइटी के जिम्मे आ गई है।
एसआइटी को ट्रांसफर किया गया पूरा मामला : बारादरी पुलिस द्वारा जानकारी दी गई कि शासन से निर्देश के बाद दस दिन पूर्व ही पूरा मामला एसआइटी को ट्रांसफर कर दिया गया था। लिहाजा, साफ है कि बरेली प्रकरण की जांच भी शासन द्वारा एसआइटी से कराने की तैयारी पहले ही कर ली गई थी। जिसे सोमवार को मंजूरी दे दी गई। लिहाजा, अब एसआइटी मामले में केस दर्ज कर विवेचना करेगी।एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि शासन से निर्देश मिलने के बाद पूरा प्रकरण एसआइटी को ट्रांसफर कर दिया गया है। लिहाजा, अब आगे की जांच एसआइटी ही करेगी।