बरेली में धान खरीद का फर्जीवाड़ा : फर्जी किसान दिखाकर धान केंद्रों पर दिखाई छह हजार कुंतल धान की खरीद

पिछली वर्ष हुई धान खरीद में नवाबगंज में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया था। मामले में आरटीआइ के माध्यम से धान खरीद में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। जिसमें राशन माफियाओं ने फर्जी किसान दिखाकर छह हजार क्विंटल धान की खरीद केंद्र पर किया जाना दिखाया था।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 10:07 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 10:07 AM (IST)
बरेली में धान खरीद का फर्जीवाड़ा : फर्जी किसान दिखाकर धान केंद्रों पर दिखाई छह हजार कुंतल धान की खरीद
बरेली में धान खरीद का फर्जीवाड़ा : फर्जी किसान दिखाकर धान केंद्रों पर दिखाई छह हजार कुंतल धान की खरीद

बरेली, जेएनएन। पिछली वर्ष हुई धान खरीद में नवाबगंज में जमकर फर्जीवाड़ा किया गया था। मामले में आरटीआइ के माध्यम से धान खरीद में फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। जिसमें राशन माफियाओं ने फर्जी किसान दिखाकर छह हजार क्विंटल धान की खरीद केंद्र पर किया जाना दिखाया था। मामले की जानकारी होने के बाद संभागीय खाद्य नियंत्रक जोगेंद्र सिंह की ओर से इस मामले की जांच आरएमओ राममूर्ति वर्मा को दी गई थी। जिसमें मामला सही पाया गया था। जांच के दौरान मिला था कि राशन माफियाओं ने फर्जी किसानों की खतौनी दिखाकर खरीद केंद्रों में धान बेचा है। जिसके बाद 25 मई 2021 को नवाबगंज थाने में 74 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।

सोमवार को इस मामले में नवाबगंज थाने के विवेचक को जिला खाद्य विपणन विभाग की ओर से फर्जी 36 किसानों के नाम की सूची दी गई है। जिसमें किसान का नाम रजिस्ट्रेशन नंबर तो है, लेकिन बैंक पासबुक और आधार कार्ड आनलाइन अपडेट नहीं दिखाया गया है। इस मामले में पुलिस तमाम बिंदुओं की जांच कर मुख्य दोषियों की गिरफ्तारी में जुटी है। आरएमओ राममूर्ति वर्मा ने बताया कि नवाबगंज थाने में फर्जी धान खरीद का एक मुकदमा दर्ज है। इस संबंध में विवेचक ने विभाग से धान खरीद से संबंधित किसानों के नाम मांगे थे। जो कि उन्हें दे दिए गए हैं।

मिलीभगत से होता है घोटाला

धान खरीद में घोटाला राशन माफियाओं व धान खरीद केंद्र प्रभारी की मिलीभगत से घोटाला किया जाता है। दरअसल केंद्र प्रभारी आने वाले किसानों की धान में तमाम कमियां निकाल उन्हें वापस लौटा देते हैं तो कुछ किसानों को लंबा वेट कराते हैं। ऐसे में परेशान होकर किसान केंद्र के पास घूम रहे राशन माफियाओं को ही कम कीमत पर उन्हें धान बेच देते हैं। जिन्हें वह बाद में दूसरे किसानों के नाम व फर्जी कागज लगाकर बेचने का काम किया जाता है।

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