Bareilly Orphans Child Data News : बरेली में तैयार हाे रहा काेविड में अविभावकाें काे खाेने वाले बच्चाें का डेटा, जानिए क्या है स्थिति
Bareilly Orphans Child Data News अभिभावकों की मृत्यु कोविड से होने के बाद बच्चों की देखभाल करने के लिए महिला कल्याण विभाग और बाल कल्याण समिति संयुक्त प्रयास कर रहे है। संक्रमण के दौर में महामारी में अनाथ हुए बच्चों का डेटा जुटाया जा रहा है।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Orphans Child Data News : अभिभावकों की मृत्यु कोविड से होने के बाद बच्चों की देखभाल करने के लिए महिला कल्याण विभाग और बाल कल्याण समिति संयुक्त प्रयास कर रहे है। संक्रमण के दौर में महामारी में अनाथ हुए बच्चों का डेटा जुटाया जा रहा है। बाल संरक्षण योजना के तहत उन्हें संरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा।
कोविड काल में मृत्यु दर अधिक होने से शासन को ऐसे बच्चों की चिंता हुई है, जिनके माता और पिता दोनों की संक्रमण की जद में आने से मौत हुई हो। महिला कल्याण विभाग की उपनिदेशक नीता अहिरवार और मुख्य विकास अधिकारी चन्द्रमोहन गर्ग ने बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए जिला स्तरीय गठित टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक की।
इस कार्य के लिए जिला पंचायतीराज विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने पर भी चर्चा हुई। महामारी के दौरान अनाथ एवं अपने परिवार से बिछड़े या किसी भी प्रकार से परिवार विहीन हुए बच्चों की जानकारी इकट्ठा की जा रही है।
इस तरह के बच्चों की एकत्र हो रही जानकारी
- महामारी के दौरान अनाथ हुए हो
- अपने परिवार से बिछड़े हो
- संरक्षण की स्थिति में आने वाले बच्चें
- माता-पिता अस्पताल में हो, बच्चों को कोई भोजन देने वाला नहीं हो
- परिवार के मुखिया की मृत्यु हो गई हो
गोद लेने वाले परिवार को मिलेंगे दो हजार
गोद लेने लायक बच्चों के लिए किशोर न्याय अधिनियम-2015 के तहत www.cara.nic.in के जरिए गोद देने की प्रक्रिया की जाएगी। गोद लेने वाले परिवार को प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दी जानी है। निगरानी के लिए 1098-चाइल्ड हेल्प लाइन, 181-महिला हेल्प लाइन, 112-आपातकाल सेवा पर शिकायत की जा सकती है।
चाइल्डलाइन के कर्मचारियों का नहीं हुआ वैक्सीनेशन
अभी चाइल्डलाइन के कर्मचारियों वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। बैठक में जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, सदस्य बाल कल्याण समिति, निरीक्षक एसजेपीयू एवं एएचटीयू, संरक्षण अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई, टेक्निकल रिसोर्स पर्सन यूनीसेफ, प्रभारी वन स्टॉप सेंटर, जिला बाल संरक्षण इकाई बरेली के स्टाफ ने हिस्सा लिया।