बरेली में बेसिक शिक्षा के छात्राें का हाल, जूते मिले न स्वेटर, ठंड से हो रहे बेहाल

दिन का तापमान हर रोज सामान्य से नीचे पहुंच रहा है ठंड बढ़ती जा रही है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे अभी बिना स्वेटर और बिन जूते-मोजे के ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल जा रहे हैं। छा़त्राें का कहना है।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 03:23 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 03:23 PM (IST)
बरेली में बेसिक शिक्षा के छात्राें का हाल, जूते मिले न स्वेटर, ठंड से हो रहे बेहाल
बरेली में बेसिक शिक्षा के छात्राें का हाल, जूते मिले न स्वेटर, ठंड से हो रहे बेहाल

बरेली, जेएनएन। दिन का तापमान हर रोज सामान्य से नीचे पहुंच रहा है, ठंड बढ़ती जा रही है। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे अभी बिना स्वेटर और बिन जूते-मोजे के ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल जा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि कभी-कभी जूते न मिलने की वजह से वे चप्पल पहन कर भी स्कूल पहुंच जाते हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के तहत स्वेटर, यूनिफार्म, जूते-मोजे और और स्कूल बैग की निर्धारित धनराशि 1100 रुपये सिर्फ दो लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में ही पहुंची है। जबकि, जिले में 2482 परिषदीय विद्यालय में 3,54,872 बच्चे पंजीकृत हैं।

अप्रैल से शैक्षणिक सत्र संचालित हो रहा है। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से विद्यालय बंद रहे इसलिए शासन की ओर से धनराशि अभिभावकों के खाते में नहीं आ सकी। इसके बाद जब परिस्थितियां सामान्य हुईं तो दो महीने पहले शासन की ओर से जिले में दो लाख के करीब छात्रों के अभिभावकों के खाते में स्वेटर, यूनिफार्म, जूते-मोजे और स्कूल बैग के लिए निर्धारित राशि भेज दी गई। अभी भी डेढ़ लाख छात्रों को इसकी सौगात नहीं मिल सकी है। ऐसे में वे बिना स्वेटर ही ठंड में ठिठुरते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं या रंग-बिरंगे स्वेटर पहन कर स्कूल आ रहे हैं। शिक्षकों को डर है कि विद्यार्थी बीमार न पड़े इसलिए वे बच्चों पर दबाव भी नहीं बना रहे।

सात हजार विद्यार्थियाें का डाटा संदिग्ध

जिले में सात हजार से अधिक छात्रों का डाटा संदिग्ध है। इसमें कई ऐसे छात्र-छात्राएं हैं जिनका दो-दो विद्यालय में पंजीकरण हैं। स्कूल स्तर से डीबीटी में छात्राें का डाटा अपलोड करने के बाद खंड शिक्षा अधिकारियों से उसका सत्यापन कराया जा रहा है। वहीं जिले में करीब 12 हजार अभिभावकों के खाते ऐसे हैं जिनसे दो से तीन सालों से लेन-देन नहीं हुआ। इसलिए भी उनके खाते में धनराशि पहुंचने में दिक्कत आ रही है।

आधार कार्ड से लिंक नहीं खाते 

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार के अनुसार समय-समय पर खंड शिक्षाधिकारियों से संपर्क कर छात्रों का डाटा डीबीटी पर अपलोड करने के लिए जोर दिया जा रहा है। जानकारी के अनुसार 35 से 40 हजार खाते ऐसे हैं जो आधार कार्ड से लिंक नहीं है। यही कारण है कि उनके खातों में रुपये नहीं पहुंचे है। ऐसे में शिक्षक, खंड शिक्षाधिकारी और जिला समन्वयक अभिभावकों से उनका खाता आधार कार्ड से लिंक कराने के लिए संपर्क कर रहे हैं।

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