बरेली में लापरवाही की हद पार, मूल आवंटियों की जगह किराएदार बन बैठे मालिक, जागा नगर निगम, तैयार करा रहा ब्योरा
Bareilly Nagar Nigam News नगर निगम परिसीमन में आने वाली निगम की 1350 दुकानों में 600 आवंटियों के सटीक रिकार्ड नहीं है। हाल में हुए सर्वे में उजागर होने के बाद अधिकारी किरायेदारी में चल रही दुकानों का ब्योरा तैयार करवा रहे हैं।
बरेली, जेएनएन। Bareilly Nagar Nigam News : नगर निगम परिसीमन में आने वाली निगम की 1350 दुकानों में 600 आवंटियों के सटीक रिकार्ड नहीं है। हाल में हुए सर्वे में उजागर होने के बाद अधिकारी किरायेदारी में चल रही दुकानों का ब्योरा तैयार करवा रहे हैं।
नगर निगम की दुकानों के किराये को लेकर कार्यकारिणी और बोर्ड बैठकों में हंगामें हो चुके हैं। नगर निगम के सर्वे में सामने आया कि तकरीबन 600 मूल आवंटियों के वारिसानों ने अपनी दुकानों का दाखिल-खारिज नहीं कराया। नगर निगम परिसीमन में 1350 दुकानों में 70 साल से अधिक पुरानी दुकानों के मूल आवंटी अब मौजूद नहीं है। नगर निगम से किराये की रसीदें उन्हीं के नाम काटी जा रही है।
नियम कहता है कि मृतक आवंटियों के उत्तराधिकारियों के नाम पर दुकानों को दाखिल खारिज किया जाना चाहिए। सीधे शब्दों में कहे तो नगर निगम के रिकार्ड में मौजूदा किरायेदारों का ब्योरा होना चाहिए। इन दुकानों का किराया भी काफी कम है, कई दुकानें तो सिर्फ 800 रुपये सालाना किराये पर चल रही है।
सर्वे में करीब 50 फीसदी यानी तकरीबन 600 दुकानदारों द्वारा दाखिल-खारिज नहीं कराने की पुष्टि हुई। दाखिल खारिज के लिए सिर्फ 400 किरायेदारों ने ब्योरा वेबसाइट पर अपलोड किया है। लापरवाही इसलिए भी हुई, क्योंकि करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन नगर आयुक्त सैमुअल पाल ने टीम बनाकर दाखिल-खारिज की नीति बनाने की कोशिश की थी। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार के मुताबिक निगम की दुकानों का ब्योरा तैयार किया जा रहा है।