बरेली नगर निगम का फरमान, अवैध रूप से पशु पालने वाले इलाके घोषित होंगे प्रतिबंधित क्षेत्र
शहर में अवैध रूप से चलने वाली डेयरियों और खुलेआम सड़कों पर घूमते पशुओं को रोकने के लिए नगर निगम ने नई पहल की है। पशुपालन कर प्रदूषण फैलाने वाले मुहल्लों को प्रतिबंधित क्षेत्र बनाया जाएगा। वहां डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बरेली, जेएनएन। शहर में अवैध रूप से चलने वाली डेयरियों और खुलेआम सड़कों पर घूमते पशुओं को रोकने के लिए नगर निगम ने नई पहल की है। पशुपालन कर प्रदूषण फैलाने वाले मुहल्लों को प्रतिबंधित क्षेत्र बनाया जाएगा। वहां डेयरी संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नगर आयुक्त ने विज्ञप्ति जारी कर आपत्तियों व सुझाव के लिए 30 दिन का समय दिया है। उसके बाद इन मुहल्लों को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित कर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
शहर में सूकर, आवारा कुत्ता, गधा, घोड़ा, खच्चर, सांड़, भैैंस आदि पशु तमाम समस्याओं का मुख्य कारण बने हुए हैैं। इनमें सबसे अधिक समस्या भैैंस पालन (अवैध डेयरी व्यवसाय) से हो रही है। इन डेयरियों के संचालक नालियों व सीवर में गोबर बहा रहे हैैं। इसके साथ ही गोबर सड़क किनारे खाली प्लाटों में फेंक रहे हैैं। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो रहा है। इसके साथ ही डेयरी मालिक पशुओं को सड़कों पर खुला छोड़ देेते हैैं, जिससे आवागमन बाधित होता है। इससे हादसों की भी आशंका बनी रहती है। सड़कों पर गोबर करने से सड़कें भी गंदी हो रही हैैं। इन्हीं सब पर प्रतिबंध लगाने के लिए नगर आयुक्त ने डेयरी संचालकों के लिए विज्ञप्ति जारी की है। गोबर नाली या सीवर में बहाए जाने, सड़कें गंदी होने, पशु खुला छोडऩे पर उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।
शहर में चल रही आठ सौ से अधिक डेयरियां
नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक शहर में मौजूदा समय में करीब 860 डेयरियां संचालित हैैं। इनमें सबसे अधिक डेयरियां प्रेमनगर, किला, सिविल लाइंस, पुराना क्षेत्र में हैैं। इन क्षेत्रों में गंदगी, सीवर व नालियां चोक होने की सबसे अधिक समस्या है। नगर निगम कुछ डेयरी संचालकों पर ही कार्रवाई करके शांत हो जाता है।
शहर के जिन इलाकों में अवैध रूप से डेयरियां चल रही हैैं, उन्हें प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया जाएगा। इसके लिए विज्ञप्ति जारी कर दी है। आपत्तियां व सुझाव देने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उसके बाद कार्रवाई होगी।
अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त