Bareilly ki Ramleela : बरेली में कैकेयी दशरथ संवाद देखकर भर आईं दर्शकाें की आंखें, मांगा राम को वनवास, भरत को राजगद्दी

Bareilly ki Ramleela जोगीनवादा स्थित वनखंडी मंदिर में श्रीरामलीला समिति के तत्वावधान में शनिवार को दशरथ-कैकेयी संवाद का मंचन किया गया। कैकेयी द्वारा राजा दशरथ से भरत को राजगद्दी और प्रभु राम को चौदह वर्ष का वनवास का वचन मांगने पर दर्शकों की आंखों में आंसू छलक पड़े।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 09:00 AM (IST)
Bareilly ki Ramleela : बरेली में कैकेयी दशरथ संवाद देखकर भर आईं दर्शकाें की आंखें, मांगा राम को वनवास, भरत को राजगद्दी
Bareilly ki Ramleela : बरेली में कैकेयी दशरथ संवाद देखकर भर आईं दर्शकाें की आंखें,

बरेली, जेएनएन। Bareilly ki Ramleela : जोगीनवादा स्थित वनखंडी मंदिर में श्रीरामलीला समिति के तत्वावधान में शनिवार को दशरथ-कैकेयी संवाद का मंचन किया गया। कैकेयी द्वारा राजा दशरथ से भरत को राजगद्दी और प्रभु राम को चौदह वर्ष का वनवास का वचन मांगने पर मंदिर परिसर में बैठे दर्शकों की आंखों में आंसू छलक पड़े।

रामलीला में मंचन के दौरान माता कैकेयी ने राजा दशरथ से कहा कि आपने मुझे तीन वचन देने की बात कही थी, तब मैंने ठीक समय आने की पर वचन मांगने की बात कही थी। मुझे लगता है आज वह दिन आ गया है जब मैं आपसे वचन मांगू। इस पर बिना किसी संकोच के दशरथ ने कहा कि मांगो, रानी तुम क्या चाहती हो। कैकेयी ने कहा कि स्वामी मैं चाहती हूं कि राजगद्दी पर मेरा पुत्र भरत बैठ और राम को चौदह वर्ष का वनवास हो। राम को वनवास की बात सुनने पर दशरथ को अपने कानों पर मानों विश्वास ही न हुआ हो।

लेकिन, रघुकुल की मर्यादा को कायम रखने के लिए दशरथ ने वचन दिया और भगवान राम से चौदह वर्ष तक के लिए वनवास की बात कहते हुए मूर्छित होकर गिर पड़े। इस मौके पर धर्मेंद्र राठौर, सुरेश चंद्र राठौर, हरिओम राठौर, मुन्नालाल राठौर, लक्ष्मी नारायण राठौर, तारा सम्राट साहूा, भैरो प्रसाद राठौर, विशाल राठौर आदि मौजूद रहे।

सुभाष नगर में लक्ष्मण परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का मंचन 

श्री रामलीला सभा सुभाष नगर में शनिवार को लक्ष्मण परशुराम संवाद और सीता स्वयंवर का मंचन किया गया। जब भगवान राम ने महाशिव का धनुष तोड़ा, तब परशुराम क्रोधित हो उठे। पूछा है कि शिव धनुष किसने तोड़ा। लगता है उसे अपना जीवन प्यारा नहीं। यह बात सुनते ही लक्ष्मण भी क्रोधित हो उठे और बहस करने लगे। तब उन्हें शांत कराकर प्रभु राम आगे बढ़कर कहते हैं कि शिव धनुष को तोड़ने वाला कोई और नहीं आपका सेवक ही होगा।

परशुराम ने कहा कि सेवक वो है जिसका सेवा ही जीवन है, जो बैरी जैसा कार्य करे वो इस परसे का भोजन है। परशुराम लक्ष्मण संवाद सुनकर जनता भाव विभोर हो गई। उसके बाद राम विवाह लीला का मंचन किया। इस मौके पर आलोक तायल, अखिलेश सिंह केसर, अमित भारद्वाज, प्रवीण शर्मा, जगदीश सक्सेना, उदयवीर सिंह, प्रदीप अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

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