बरेली आइवीआरआइ में बनेगा देश का पहला कुत्तों पर रिसर्च करने वाला सेंटर, व्यवहार के बारे में मिलेंगी अहम जानकारियां
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) जल्द ही कुत्तों के लिए एक ‘श्वान अनुसंधान केंद्र’ की स्थापना करेगी। इसमें कुत्तों के व्यवहार में होने वाले बदलाव उनकी बीमारी व उपचार से लेकर उसके पोषण और ब्रीडिंग पर वैज्ञानिक शोध करेंगे।
बरेली, जेएनएन। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) जल्द ही कुत्तों के लिए एक ‘श्वान अनुसंधान केंद्र’ की स्थापना करेगी। इसमें कुत्तों के व्यवहार में होने वाले बदलाव, उनकी बीमारी व उपचार से लेकर उसके पोषण और ब्रीडिंग पर वैज्ञानिक शोध करेंगे। आइसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने आइवीआरआइ के स्थापना दिवस के अवसर पर निदेशक व अन्य वैज्ञानिकों से बातचीत में यह जानकारी दी । यह केंद्र कहां खुलेगा, यह अभी तय नहीं है। लेकिन आइवीआरआइ देश का बड़ा संस्थान होने की वजह से बरेली में बनाने की संभावनाएं ज्यादा हैं।
आइवीआरआइ के वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी तक इस संस्थान के साथ-साथ अन्य जगहों पर विभिन्न पशुओं के साथ-साथ कुत्तों की बीमारी और उपचार के लिए भी तमाम शोध हो रहे हैं। वैक्सीन भी बनी हैं। लेकिन कुत्तों पर शोध के लिए कोई भी संस्थान नहीं बना है। बदलते वातावरण में ध्वनि, गैस सहित कई तरह का प्रदूषण है। इससे पशु परेशान हो जाते हैं। बदलाव की वजह से इनके व्यवहार में काफी बदलाव आ रहा है। जिससे से ये घातक भी हो रहे हैं। इसलिए इन पर शोध जरूरी है। संस्थान के वैज्ञानिकों ने भी कुत्तों के व्यवहार पर शोध होने की आवश्यकता बताई।
देश में हैं 19 राष्ट्रीय शोध केंद्र
वरिष्ठ वैज्ञानिक के मुताबिक देश में कुत्तों को छोड़ अन्य पशुओं पर शोध के लिए 19 राष्ट्रीय शोध केंद्र स्थापित हैं। इनमें ऊंट का बीकानेर, घोड़े का हिसार, बकरी पर शोध के लिए मथुरा में बना राष्ट्रीय केंद्र भी शामिल है। लेकिन पालतु पशुओं के लिए कोई केंद्र नहीं बना है। आइसीएआर इसकी पहल कर रहा है। गौरतलब है कि बीते अगस्त माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में भारतीय नस्ल के कुत्तों की नस्ल को अपनाने पर जोर दिया था। इसी के बाद आइसीएआर ने इस दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी की है।