बरेली छात्राओं का संकल्प, बोली - हम करेंगे रक्षा, कटने से बचाएंगे 44 पेड़
उत्तर प्रदेश सरकार सौ साल के पेड़ों को संरक्षित कर रही है। कैंट में लगे पेड़ों ने भी विकसित होते शहर काे देखा है। छांव देकर कई लोगों को अपने नीचे पनाह दी। लेकिन अब विकास के पहिये में इन पेड़ों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ चुका है।
बरेली, जेएनएन। : उत्तर प्रदेश सरकार सौ साल के पेड़ों को संरक्षित कर रही है। कैंट में लगे पेड़ों ने भी विकसित होते शहर काे देखा है। छांव देकर कई लोगों को अपने नीचे पनाह दी। लेकिन अब विकास के पहिये में इन पेड़ों का अस्तित्व ही खतरे में पड़ चुका है। संरक्षित नहीं, लेकिन सुरक्षित होने की कोशिशें शुरू हो चुकी है।
एनसीसी, इंनवर्टिस और बरेली कॉलेज की छात्रांए कैंट में पेड़ों के पास पहुंची। पेड़ों के पास बैठकर उन्होंने संकल्प लिया कि किसी हाल में इन छायादार पेड़ों को कटने नहीं दिया जाएगा। उनको ट्रांसलोकेट करने का विकल्प ही अच्छा है। स्कूल के छात्राओं के दैनिक जागरण कार्यालय में फोन भी पहुंचने लगे हैं। उनका कहना है कि पहले ही कई प्रोजेक्ट की भेंट पेड़ चढ़ चुके है। अब आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से पेड़ों को बचाने का समय आ चुका है।
राष्ट्र जागरण उद्योग व्यापार मंडल के पदाधिकारी भी कैंट के 44 पेड़ों के पास पहुंचे। लाल फाटक ओवरब्रिज को लेकर बनाए जा रहे पुल को लेकर काटे जा रहे वृक्षों के बचाने का संकल्प लिया। इस दौरान राष्ट्रीय महासचिव अमित भारद्वाज ने कहा कि आज हमारा विज्ञान तरक्की कर चुका है। सरकार पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर दृढ़ संकल्पित है। क्या सैकड़ों वर्ष पुराने पेड़ों को काटने से अच्छा ये नहीं है कि इनको ट्रांसलोकेट किया जाए।
यह पेड़ हमें जीवन देते हैं। हमें ऑक्सीजन देते हैं। हम बेवजह अपने फायदे के लिए इनको काट देते हैं। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर विकास के नाम पर इन वृक्षों को काटकर हम विकास नहीं विनाश कर रहे हैं। इस दौरान व्यापारियों ने रक्षा सूत्र बांधकर उनको बचाने का संकल्प लिया। इस दौरान संगठन के संस्थापक सचिव सौरभ शर्मा, राजू उपापाध्य, जीतू देवनानी, अभय मेहरोत्रा, विवेक कपूर, रिंकी, हर्ष साहनी, अंकित पाठक, रवि दुआ आदि लोग उपस्थित रहे।