जिले की टॉपर श्लाघ्या बोलीं, विदेश सेवा में जाने और पर्वतारोहण का सपना

बरेली जेएनएन इंटरमीडिएट परीक्षा में 99.6 फीसद अंक लाकर कीर्तिमान स्थापित करने वालीं श्लाघ्या

By JagranEdited By: Publish:Tue, 14 Jul 2020 02:20 AM (IST) Updated:Tue, 14 Jul 2020 02:20 AM (IST)
जिले की टॉपर श्लाघ्या बोलीं, विदेश सेवा में जाने और पर्वतारोहण का सपना
जिले की टॉपर श्लाघ्या बोलीं, विदेश सेवा में जाने और पर्वतारोहण का सपना

बरेली, जेएनएन : इंटरमीडिएट परीक्षा में 99.6 फीसद अंक लाकर कीर्तिमान स्थापित करने वालीं श्लाघ्या मिश्रा भारतीय विदेश सेवा में जाना चाहती हैं। उनके पापा शिवेंद्र मिश्रा कोषागार विध्याचल मंडल के अपर निदेशक पद पर हैं। एक भाई, दो बहनों में सबसे छोटी श्लाघ्या का कहना है कि वह रोजाना दो-तीन घंटे पढ़ाई करती थी। बड़ा भाई व्योम कात्यायन सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहा है। उससे काफी मार्गदर्शन मिला। श्लाघ्या को स्वीमिग करना और उपन्यास पढ़ना पसंद है। वह अपने पापा को रोल मॉडल मानती हैं क्योंकि वह कभी हार नहीं मानते हैं।

पढ़ाई कर रहे छात्रों तो वह सलाह देती हैं कि नियमित पढ़ाई करें। बताती हैं कि आर्ट साइड स्ट्रीम को औसत छात्रों वाला माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। श्लाघ्या बताती हैं कि उन्होंने कभी कोचिंग में पढ़ाई नहीं की। खुद घर में रोजाना तीन घंटे पढ़ती थीं। मां कीर्ति मिश्रा हाउस वाइफ हैं। बड़ी बहन वर्तिका लॉ की पढ़ाई कर रही हैं। पिता शिवेंद्र पढ़ाई से जुड़ा रोचक याद करते हुए बताते हैं कि श्लाघ्या के बाल काफी लंबे हैं। उसने मां से बाल कटवाने की इच्छा जताई। इस पर उसकी मां ने कहा कि 96 फीसद से अधिक अंक आने पर मंजूरी मिलेगी। श्लाघ्या उत्तरकाशी (उत्तराखंड) के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस कोर्स कर चुकी है। अब 2021 में बेसिक कोर्स के लिए नामित हैं।

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आशुतोष ने कहा, मम्मी को हवाई यात्रा कराने की ख्वाहिश

सीबीएसई की परीक्षा में 98.6 नंबर पाने वाले आशुतोष की ख्वाहिश है कि वह मम्मी को हवाई सफर करवाएं। उनके पापा कोचिग पढ़ाते हैं। उन्हें आइआइटी की मेंस परीक्षा भी क्वालीफाई की है। घर में दो बड़ी बहनें हैं। उनका कहना है कि रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई करते थे। बहनों का मार्गदर्शन और मम्मी के सपोर्ट से यह सफलता हासिल हुई। उन्हें गाना गाने का शौक है। आशुतोष दूसरे बच्चों को सलाह देते हैं कि पहले कोर्स पूरा करें और उसे बराबर रिवीजन करते रहें। आशुतोष एयरोस्पेस इंजीनियर बनना चाहते हैं। सोशल मीडिया के जरिए एयरस्पेस फील्ड में जाने का मन बनाया। वह ओलंपियाड में भी कई बार सफलता अर्जित कर चुके हैं। सीए बनना चाहती हैं सुरभि

सेट फ्रांसिस स्कूल की छात्रा सुरभि वैश्य ने 98.2 फीसद अंक पाकर स्कूल टॉप किया है। उनका जिले में तीसरा स्थान पाया है। कोरोना के कारण उनका बिजनेस स्टडीज का पेपर नहीं हो पाया था। दसवीं में उन्होंने 94.6 फीसद अंक पाए थे। उस वक्त वह स्कूल टॉप नहीं कर पाई थी। इस बार वह शुरू से ही तैयारी में जुट गई। बताती हैं कि रोजाना करीब चार घंटे ही पढ़ती थी। अगर फोकस सही हो तो परिणाम अच्छा ही आता है। उनके पिता डॉ. कमल किशोर क्लीनिक चलाते हैं। मां कंचन वैश्य हाउस वाइफ हैं। घर में बड़े भाई शुभम वैश्य हैं। सुरभि ने बताया कि वह सीए बनना चाहती हैं।

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