तस्कर की जगह किसान का घर तोड़ने पहुंच गई बरेली विकास प्राधिकरण की टीम, जानें कैसे हुई ये गड़बड़ी
Smack Smuggler in Bareilly स्मैक तस्कराें के खिलाफ कार्रवाई में बरेली विकास प्राधिकरण ने सोमवार को बड़ी गलती कर दी। तस्कर का मकान गिराना था लेकिन भारी पुलिस फोर्स व पीएसी के साथ बीडीए की टीम किसान का घर गिराने पहुंच गई।
बरेली, जेएनएन। Smack Smuggler in Bareilly : स्मैक तस्कराें के खिलाफ कार्रवाई में बरेली विकास प्राधिकरण ने सोमवार को बड़ी गलती कर दी। तस्कर का मकान गिराना था, लेकिन भारी पुलिस फोर्स व पीएसी के साथ बीडीए की टीम किसान का घर गिराने पहुंच गई। भारी विरोध पर गलती का अहसास होने पर टीम वापस लौट आई। बरेली विकास प्राधिकरण ने बीते दिनों स्मैक तस्कर छोटे उर्फ सईद के अवैध निर्माण ढहाए थे। इसके बाद उन्होंने सईद का साला फरीदपुर के गांव ढेरा पढ़ेरा निवासी अशफाक खान का घर भी ध्वस्त किया।
उसका फाइक इंक्लेव स्थित घर भी गिराया गया। अशफाक की एक संपत्ति बिथरीचैनपुर स्थित नरियावल में आला हजरत एंक्लेव में भी है। बीडीए के इंजीनियरों को अशफाक की बिथरीचैनपुर क्षेत्र में संपत्ति होने की जानकारी मिली, लेकिन सही पता उनके पास नहीं था। इसी कारण बीडीए इंजीनियरों ने बड़ी लापरवाही कर दी। बीडीए इंजीनियरों ने बिथरीचैनपुर के गांव धारुपुर ठाकुरान निवासी किसान अशफाक अली खान के नाम से ध्वस्तीकरण आदेश बना दिया। इतना ही नहीं उनका मकान ध्वस्त करने के लिए 23 अक्टूबर तारीख तय कर एसएसपी से पुलिस फोर्स उपलब्ध कराने की मांग भी कर दी।
किसान के घर दलबल के साथ पहुंची टीम, जमकर विरोधः बीडीए की टीम को शनिवार को पुलिस फोर्स नहीं मिल पाई। इस पर बीडीए की टीम अधीक्षण अभियंता राजीव दीक्षित , सहायक अभियंता अनिल कुमार के नेतृत्व में गांव पहुंच गई। उनके साथ तीन गाड़ियों में पीएसी, पुलिस फोर्स, प्रवर्तन दल, जेसीबी मशीन आदि देखकर किसान अशफाक और उनके परिवार वाले घबरा गए। टीम ने ध्वस्तीकरण से पहले घर खाली करने को कहा तो घरवाले भड़क गए। उनके विरोध पर गांव के तमाम लोग आ गए। आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप से लोगों ने गुहार लगाई। तब करीब डेढ़ बजे टीम वापस लौटी।
फसलें बेचकर खड़ा किया घर, घबराए स्वजनः अशफाक अली खान के बेटे आजिद अली खान ने बताया कि उनके परिवार में माता-पिता, दो भाई और दो बहनें हैं। चाचा इश्त्यिाक का परिवार भी साथ रहता है। सभी लोग खेतीबाड़ी करते हैं। खेतीबाड़ी से ही उन्होंने मकान खड़ा किया है। बिना किसी कसूर के सोमवार को जब भारी पुलिस फोर्स के साथ बीडीए की टीम पहुंची तो सभी घबरा गए। उन्होंने अधिकारियों के मिन्नतें की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में सांसद के फोन करने पर करीब डेढ़ बजे टीम लौटी।
एक ही नाम होने के कारण हुई गलतीः स्मैक तस्कर का नाम अशफाक खान और पिता का नाम जल्लन खान है, जबकि धारुपुर के किसान अशफाक के पिता का नाम शमशाद अली खान है। बीडीए के इंजीनियरों ने दोनों को एक ही समझकर कार्रवाई के लिए कदम उठा दिया। गनीमत रही कि ध्वस्तीकरण से पहले इसकी जानकारी हो गई। बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि बीडीए की टीम जहां ध्वस्तीकरण को गई, उसने भी बिना मानचित्र स्वीकृत कराए मकान बनाया है। इस कारण उसकी भी ध्वस्तीकरण की फाइल चली है। उसका मकान छोटा था। दो दिन का समय मांगने पर टीम उसे छोड़ आई। जिस तस्कर पर कार्रवाई होनी थी, वह दूसरा है। बीडीए की टीम को मिस कम्युनिकेशन हुआ है।