बरेली में सूदखोर ने 40 हजार देकर सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी की कब्जाई आठ बीघा जमीन

सूदखोरों ने ब्याज पर रकम देकर जमीन हथियाने का नया जरिया बना लिया है। ऐसा ही मामला सामने आया है कि फतेहगंज पश्चिमी का जहां महज 40 हजार रुपये देकर एक सूदखोर ने सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी की आठ बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और जोत-बो रहा है।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 01:50 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 01:50 PM (IST)
बरेली में सूदखोर ने 40 हजार देकर सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी की कब्जाई आठ बीघा जमीन
फतेहगंज पश्चिमी के बल्लिया गांव का है मामला, पीड़ित ने एडीजी काेे किया ट्वीट।

बरेली, जेएनएन। सूदखोरों ने ब्याज पर रकम देकर जमीन हथियाने का नया जरिया बना लिया है। ऐसा ही मामला सामने आया है कि फतेहगंज पश्चिमी का, जहां महज 40 हजार रुपये देकर एक सूदखोर ने सेवानिवृत्त एयरफोर्स कर्मी की आठ बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और जोत-बो रहा है। पीड़ित ने एडीजी को ट्वीट कर अपना दर्द बयां किया है।

मामला फतेहगंज पश्चिमी के बल्लिया गांव का है। पीड़ित ज्ञान उपाध्याय ने एडीजी अविनाश चंद को ट्ववीट को शिकायती पत्र ट्ववीट करते हुए सूदखोर के दुस्साहस की कहानी बयां की। पीड़ित ने बताया कि उनके पिता राम आसरे शर्मा एयरफोर्स में वारंट ऑफिसर थे। पिता ने वर्ष 2018 में सूदखोर से 40 हजार रुपये लिए। सूदखोर ने इसके बदले में आठ बीघे जमीन दो साल जोतने-बोने के लिए अपने कब्जे में ले ली। वर्ष 2020 में उनकी मौत हो गई। इसके बाद जमीन रामआसरे के चारों बेटों के नाम आ गई।समय पूरा होने के बाद जब सूदखोर से जमीन खाली करने की बात कही गई तब उसने जमीन खाली करने से मना कर दिया।

सूदखोर को बेटों ने पिता द़्वारा ली गई रकम वापस करने की बात कही। बावजूद वह नहीं माना और पिता द्वारा जमीन की लिखा-पढ़ी उसके नाम किए जाने का हवाला दिया। सूदखोरों के दुस्साहस की कहानी रामआसरे के बेटे ज्ञान उपाध्याय ने एडीजी को ट्वीट किया। एडीजी ने एसएसपी को जांच के निर्देश दे दिए। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच के निर्देश दे दिए गए हैं। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सूदखोर पर कार्रवाई के साथ पीड़ित को उसकी जमीन लौटाई जाएगी।

सूदखोरों के लाइसेंस पर कार्रवाई अधूरी, नवीनीकरण नहीं कराने वाले साहूकारों के ही निरस्त हुए लाइसेंस : शाहजहांपुर और बरेली में सूदखोरों के चंगुल में फंसने वालों की खुदकुशी के बाद शासन तक हलचल मची। बरेली प्रशासन ने साहूकारी अधिनियम के तहत जारी करीब 200 लाइसेंस निरस्त करके खानापूर्ति कर ली। रिपोर्ट डीएम कार्यालय को भेजी गई, लेकिन हकीकत में लाइसेंस उन्हीं के निरस्त हुए, जिन्होंने नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था। बाजार में सूदखोरी का जाल फैलाने वालाें के लाइसेंस जांचने तक का कोई अभियान नहीं छेड़ा गया।

साहूकारी अधिनियम के तहत बरेली प्रशासन ने करीब 1600 लोगों को लाइसेंस जारी किया हुआ था। हाल में शाहजहांपुर में एक परिवार ने सामूहिक खुदकुशी सिर्फ सूदखोरों की वजह से की। बरेली में भी एक सेल्समैन ने जान गंवा दी। इसके बाद उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी ने स्वजनों से मुलाकात की। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। इसके बाद एडीएम वित्त मनोज कुमार पांडेय के कार्यालय से सूदखोरो के लाइसेंस निरस्त करने की एक फाइल बनाकर डीएम आफिस भेजी गई है।

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