Bareilly Court News : बरेली में खुद को कानून मंत्री बताने वाले काे नहीं मिली राहत, जमानत अर्जी हुई खारिज

Bareilly Court News आइजी रेंज बरेली के सीयूजी नंबर पर खुद को कानून मंत्री बताने वाले की जमानत अर्जी सोमवार को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी। मामले की रिपोर्ट आइजी कार्यालय के पीआरओ इंस्पेक्टर अजय चौधरी ने बीते फरवरी माह में कोतवाली में दर्ज कराई थी।

By Ravi MishraEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:46 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 10:46 AM (IST)
Bareilly Court News : बरेली में खुद को कानून मंत्री बताने वाले काे नहीं मिली राहत, जमानत अर्जी हुई खारिज
Bareilly Court News : बरेली में खुद को कानून मंत्री बताने वाले काे नहीं मिली राहत

बरेली, जेएनएन। Bareilly Court News : आइजी रेंज बरेली के सीयूजी नंबर पर खुद को कानून मंत्री बताने वाले की जमानत अर्जी सोमवार को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दी। मामले की रिपोर्ट आइजी कार्यालय के पीआरओ इंस्पेक्टर अजय चौधरी ने बीते फरवरी माह में कोतवाली में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट के मुताबिक आइजी के सीयूजी नंबर पर किसी व्यक्ति ने खुद को कानून मंत्री बृजेश पाठक बताते हुए परिचय दिया। वादी ने बताया कि वह कानून मंत्री की आवाज पहचानते हैं लिहाजा उन्होंने आइजी को इस फर्जी काल की सूचना दी।

आइजी ने उसी वक्त कानून मंत्री से वार्ता की तो उन्होंने ऐसी कोई काल करने से इंकार कर दिया। पुलिस तफ्तीश में पवन दुबे निवासी झांसी का नाम प्रकाश में आया। बचाव पक्ष ने कहा कि झांसी रेलवे स्टेशन पर बीते 22 जनवरी को उसका सिम गिर गया। वह उस दिन अपने परिजन को स्टेशन छोड़ने आया था। सरकारी वकील सचिन जयसवाल ने जमानत अर्जी का विरोध किया। अपर सेशन जज-प्रथम सुनील कुमार वर्मा ने जमानत अर्जी नामंजूर कर दी।

बहनोई की हत्या में साले व उसके मामा को उम्रकैद

बच्ची की पैदाइश पर छोछक को लेकर इरम और महबूब में कहासुनी इतनी बढ़ी कि बात ससुराल तक पहुंच गई। इरम के भाई, मामा व दोस्त हाथों में छुरी लेकर आ गए और महबूब हसन की छुरी से गोदकर हत्या कर दी। महबूब का सगा भाई असलम भी जख्मी हो गया। अपर सेशन कोर्ट ने सोमवार को दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

वारदात 28 अप्रैल 2013 को हाफिजगंज के कस्बा सेथल में हुई। महबूब हसन की शादी कस्बे की ही इरम फातमा से दो साल पहले हुई थी। घटना से दो दिन पूर्व बच्ची की पैदाइश हुई। छोछक को लेकर पति पत्नी के बीच कहासुनी इतनी बढ़ी कि इरम अपने मायके चली गई। इरम के पहुंचते ही उसका भाई कामिल, मामा नईम व कामिल का दोस्त मुजाहिद अपने अपने हाथों में छुरी लेकर आ गए और महबूब हसन पर टूट पड़े।

भाई असलम बचाने आया तो उसे भी जख्मी कर दिया। महबूब हसन की इलाज को ले जाते वक्त रात में ही मौत हो गई। मामले की रिपोर्ट मृतक के पिता मकतूब हसन ने थाना हाफिजगंज में उसी रात लिखाई। पुलिस ने तीनों आरोपितों से हत्या में इस्तेमाल की गई तीन अलग-अलग छुरी बरामद कर लीं। अभियोजन पक्ष से 14 गवाह कोर्ट में पेश हुए। आरोपित मुजाहिद की केस ट्रायल के दौरान मौत हो गई। अपर सेशन जज-तृतीय रचना अरोरा ने कामिल व नईम को उम्रकैद व 1.44 लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया है।

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