दिल्ली, मुंबई में कोरोना संक्रमण बढ़ा तो प्रवासियों ने शुरू किया घर का रास्ता, चार दिन में जिले में वापस आ चुके बीस हजार से अधिक प्रवासी

कोरोना संक्रमण के चलते बीते साल लॉकडाउन के बाद जब कंपनियां फैक्ट्रियां खुलीं तो अपने घर लौट आए लोग रोजगार के लिए दिल्ली मुंबई हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में चले गए थे। अब एक बार फिर संक्रमण ने भयावह रूप लिया है। प्रतिदिन लाखों लोग इसके शिकार हो रहे हैं।

By Samanvay PandeyEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 04:34 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 04:34 PM (IST)
दिल्ली, मुंबई में कोरोना संक्रमण बढ़ा तो प्रवासियों ने शुरू किया घर का रास्ता, चार दिन में जिले में वापस आ चुके बीस हजार से अधिक प्रवासी
पंचायत चुनाव का भी दिखा असर, 75 लाख रुपये हुई रोडवेज की आय।

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते बीते साल लॉकडाउन के बाद जब कंपनियां, फैक्ट्रियां खुलीं तो अपने घर लौट आए लोग रोजगार के लिए दिल्ली, मुंबई, हरियाणा समेत अन्य प्रदेशों में चले गए थे। अब एक बार फिर संक्रमण ने भयावह रूप लिया है। प्रतिदिन देश में लाखों लोग इसके शिकार हो रहे हैं, कई की जान जा रही हैं। इससे घबराए प्रवासियों ने फिर घर का रास्ता पकड़ लिया है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद की ओर से आने वाली बसें खचाखच भरी आ रही हैं। मंगलवार और बुधवार को सेटेलाइट बस स्टेशन पर प्रवासियों की बड़ी संख्या में भीड़ देखी गई जो अपने गांव और शहर के लिए सवारी वाहन न मिलने के चलते परेशान थे। इसमें से कुछ लोग पंचायत चुनाव के चलते भी आए हैं।

वहां तो हालात बहुत खराब हैं, इसीलिए लौट आए

सीतापुर के रहने वाले संदीप अपने परिवार के दस लोगों के साथ दिल्ली के सदर बाजार में सब्जी का काम करते थे। पिछली बार भी जमा जमाया काम छोड़ कर आए थे। इस बार भी कोरोना संक्रमण उसी तरह फैलने लगा है। कहीं सब बंद न हो जाए इसके चलते पहले ही चले आए। सारा सामान और परिवार के सभी सदस्यों को भी साथ ले आए हैं। सेटेलाइट बस स्टेशन पर खड़े संदीप ने बताया कि कई घंटे से इंतजार कर रहे लेकिन कोई बस या वाहन नहीं मिला है। उनसे जब पूछा कि अब क्या करेंगे तो कहाकि कुछ भी करेंगे लेकिन तीन चार महीने तक अब घर ही रहेंगे।

बढ़ रहा था संक्रमण, इसलिए घर लौट आया

शाहजहांपुर के रहने वाले सोनू दिल्ली के एक फैक्ट्री में काम करते थे। फैक्ट्री में कुछ साथी कर्मचारियों को कोरोना संक्रमण ने घेर लिया। सोनू ने बताया कि दिल्ली में स्थिति पिछली बार से भी ज्यादा खतरनाक है। इसलिए परिवार समेत घर आने का विचार किया। पिता जी और अन्य स्वजन से बात की तो उन्होंने वापस आने को कह दिया। पहले रेलवे स्टेशन गए वहां से आने का कोई जुगाड़ नहीं दिखा तो आनंद बिहार पहुंच कर बस पकड़ी। सोनू ने बताया कि आनंद बिहार बस अड्डे पर भी बसों की किल्लत थी, किसी तरह बस में चढ़कर परिवार को बैठाया। अब यहां से शाहजहांपुर के लिए बस नहीं मिल रही है। काफी देर से दिक्कत है।

होटल पर काम करते थे अब बंद हो गए

नेपाल के धनगढ़ में रहने वाले करन, चिल्लन, रमेश, रामसिंह गुजरात के एक होटल में काम करते थे। गुजरात में संक्रमण बढ़ने के चलते बंदी कर दी गई। होटल आदि सभी बंद हो गए तो करन और उसके साथियों ने घर लौटना ही उचित समझा। करन और चिल्लन ने बताया कि हम इस डर में थे कि अगर पिछली बार की तरह कई दिन के लिए बंदी हो गई तो दिक्कतें और बढ़ जाएंगी। इसके चलते पहले ट्रेन से दिल्ली आए ओर इसके बाद वहां से यहां तक बस से आए हैं। अब पीलीभीत तक बस से जाने के बाद वहां से आगे जाने का जुगाड़ करेंगे।

दिल्ली से आ रही सबसे ज्यादा सवारी

रुहेलखंड डिपो की बसों से प्रतिदिन करीब 75 से 80 लाख रुपये की आय प्राप्त हो रही है। मंगलवार को बरेली रीजन की डिपो की बसों से 64 हजार के करीब लोग बरेली आए है। इसके एक दिन पहले भी 65 हजार के आसपास ही सवारियां बरेली आईं थीं। इसके अलावा दिल्ली से आने वाली ट्रेनों से भी प्रतिदिन तीन हजार से अधिक सवारियां अपडाउन कर रही हैं। बताया गया कि यहां भी सबसे अधिक लोग दिल्ली से ही आ रहे हैं। क्षेत्रीय प्रबंधक बरेली रीजन आर के त्रिपाठी ने बताया कि मंडल भर में दिल्ली से आने वाले यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसमें सबसे ज्यादा इजाफा रविवार के बाद से हुआ है। रोडवेज को प्रतिदिन 75 लाख रुपये के करीब प्रतिदिन आय प्राप्त हो रही है। चुनाव में बसें भेजने का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। सभी चालक परिचालकों को कोविड मानकों का पालन करने के लिए कहा गया है।

chat bot
आपका साथी